पाकिस्तान (Pakistan) के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुदारे से जोड़ने के लिए भारत-पाकिस्तान के साझा सहयोग से करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) का निर्णाण किया जा रहा है. करतारपुर कॉरिडोर को लेकर देश के सिख समुदाय में काफी उम्मीदें हैं. दोनों देशों ने काफी लंबे समय बाद करातारपुर कॉरिडोर को लेकर कदम उठाया है. इसे लेकर अब पाकिस्तान सरकार ने भारत को नियमों और शर्तों से भरा प्रस्ताव भेजा है. इन शर्तों के तहत बगैर परमिट के किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
नियम के अनुसार पासपोर्ट और अन्य जरुरी डॉक्युमेंट्स के आधार पर एक दिन में केवल 500 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही, प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत को तीन दिन पहले यात्रियों की जानकारी देना भी जरूरी होगा. इसके अलावा भी पाकिस्तान की तरफ भारत के लिए कई शर्ते राखी गईं हैं.
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Pak media: Pakistan Govt to send a proposal on #kartarpuracorridor to India, points in which will be- It will be a permit based entry, a passport is compulsory, not more than 500 pilgrims per day to be allowed, also India has to give 3-day prior info of visiting pilgrims.
— ANI (@ANI) December 29, 2018
बता दें कि मोदी सरकार की कैबिनेट से करतारपुर गलियारे बनाने की मंजूरी पहले दी दे दी थी, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने भी करतारपुर साहिब तक जाने वाले कॉरिडोर की नींव रखी. पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर का शिलान्यास किया था.
क्या हैं पाक की शर्ते
पाक की शर्त के मुताबिक, सभी श्रद्धालु 15 के ग्रुप में प्रवेश करेंगे. यह कॉरिडोर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुला रहेगा. जितने श्रद्धालु दर्शन करते जाएंगे, उसी क्रम में दोनों तरफ उनके नाम और यात्रा के अनुसार डाटाबेस तैयार किया जाएगा. इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच कोई विवाद होता है तो उसे कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जाएगा.
भारत में इस कॉरिडोर का करीब दो किलोमीटर का हिस्सा और पाकिस्तान में करीब तीन किलोमीटर का हिस्सा होगा. इसके निर्माण में करीब 16 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. चार महीने में इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है.