पाकिस्तान चुनाव 2018: आतंकी हाफिज सईद का सपना टुटा, बेटे और दामाद को जनता ने नकारा
पाकिस्तान के इतिहास में यह दूसरा चुनाव है, जिसमें एक सरकार ने अपने कार्यकाल को पूरा किया है. पाकिस्तान के 1947 में अस्तित्व में आने के बाद लंबे समय तक यहां सैन्य शासन रहा है.
नई दिल्ली. पाकिस्तान में बुधवार को मतदान होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू हो गई और अब तक के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है. वहीं पाकिस्तान की जनता ने आतंक को सिरे से नकार दिया है. इस बार के चुनाव में आतंकवादी हाफिज सईद ने भी किस्मत आजमाई और अपनी पार्टी बनाई थी. आतंकी हाफिज सईद ने 265 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन किसी भी सीट पर उसकी पार्टी को बढ़त नहीं मिलती नजर आ रही है.
हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी हार की कगार पर हैं. बेगुनाहों का खून बहाने वाले आतंकी हाफिज सईद 26/11 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है. हाफिज के सारे उम्मीदवार अल्लाह-ओ-अकबर (एएटी) से चुनाव लड़ रहे हैं. रुझानों के आंकड़ो पर नजर डालें तो उसका एक भी उम्मीदवार बढ़त नहीं बना पा रहा है. ताजा रुझानों में PTI 116, PML(N) 63, PPP 34 सीटों पर आगे चल रही है.
बता दें कि पाकिस्तान में इस बार 10.6 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने वोट डालने के लिए घरों से बाहर निकले, इसमें भारी संख्या में पहुंची महिलाएं भी शामिल हैं, जो पहले विभिन्न कारणों से वोट डालने से बचती थीं. देश के 11वें आम चुनाव में राष्ट्रीय व प्रांतीय विधानसभा की कुल 849 सीटों के लिए 12,570 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
पाकिस्तान के इतिहास में यह दूसरा चुनाव है, जिसमें एक सरकार ने अपने कार्यकाल को पूरा किया है. पाकिस्तान के 1947 में अस्तित्व में आने के बाद लंबे समय तक यहां सैन्य शासन रहा है.