हैदराबाद, 1 सितम्बर : एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के फैसले के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और इस कदम को मुसलमानों का उत्पीड़न बताया. हैदराबाद के सांसद ने कहा कि राज्य सरकार को इन मदरसों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें राज्य सरकार या केंद्र से कोई धन नहीं मिलता है. ओवैसी ने तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत मुसलमानों को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ने प्रस्तावित सर्वेक्षण को 'छोटा एनआरसी' और मुसलमानों और इस्लाम को बदनाम करने का प्रयास बताया.
मदरसों के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सांसद ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, "आप बेशर्मी से यह ऐसे समय में कह रहे हैं जब भारत आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है. इन मदरसों ने देश को आजाद कराया और आप इन्हें शक की नजर से देख रहे हैं. क्या इस तरह आप उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं जिन्होंने इन मदरसों से निकलकर भारत को आजादी दिलाई." सांसद ने कहा कि मदरसा बोर्ड के तहत मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए भी सरकार ने पिछले दो साल से शिक्षकों को वेतन नहीं दिया है. ओवैसी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान पर भी निशाना साधा कि आरएसएस में कई अच्छे लोग हैं. उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वह उस शपथ को पढ़ें जिसे आरएसएस का एक सदस्य हर सुबह पढ़ता है. यह भी पढ़ें : MP: बिना सैलरी दिए कंपनी ने नौकरी से निकाला, फैक्ट्री के बाहर 7 कर्मचारियों ने खाया जहर
सांसद ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ममता ने आरएसएस की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, "उन्होंने 2003 या 2004 में आरएसएस की प्रशंसा की थी और आरएसएस ने उन्हें दुर्गा कहा था. जब चुनाव आए, तो उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के बारे में बोलना शुरू कर दिया और अब कह रही हैं कि आरएसएस में अच्छे लोग हैं. हम ममता बनर्जी से पूछना चाहते हैं कि आप भारत के मुसलमानों और पश्चिम बंगाल को कब तक धोखा देंगी."
ओवैसी ने चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की. वह उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि भारत और चीन रूस के सप्ताह भर चलने वाले सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा, "ये तमाशा क्या चल रहा है? चीन लद्दाख में 1,000 वर्ग किमी में बैठा है और आप उनके साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं." ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय सेना, देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का मजाक उड़ाया है.