
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने नागरिकों से वसूले गए टैक्स का 14 करोड़ रुपये आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को देगा. मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है और इसके बावजूद पाकिस्तान उसे आर्थिक मदद देने जा रहा है. राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयर फोर्स स्टेशन पर एयर वॉरियर्स को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने की कोशिशों पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अपील की कि पाकिस्तान को दिया जाने वाला एक अरब डॉलर का वित्तीय सहयोग पुनर्विचार किया जाए.
भारत से शांति वार्ता को तैयार पाकिस्तान; PAK पीएम शहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा.
ये तो सिर्फ ट्रेलर था
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने भारतीय वायुसेना की वीरता की सराहना करते हुए कहा कि “हमारी कार्रवाई सिर्फ एक ट्रेलर थी, जरूरत पड़ी तो पूरी फिल्म दिखाई जाएगी. नए भारत का नया नॉर्मल है. आतंक को खत्म करना.” उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 23 मिनट के भीतर पाकिस्तान और पीओके में आतंक के ठिकानों को तबाह कर दिया गया, जिससे दुनिया ने भारत की ताकत को महसूस किया.
IMF की मदद भी बन सकती है ‘आतंकी फंडिंग’?
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि IMF से मिलने वाली मदद का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को खड़ा करने में लगाया जा सकता है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परोक्ष आतंकी फंडिंग मानी जाएगी.
उन्होंने कहा, “भारत IMF को जो योगदान देता है, वह किसी भी रूप में पाकिस्तान जैसे देश द्वारा आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अगर पाकिस्तान को फंड मिलते हैं और उनका उपयोग लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के लिए होता है, तो यह वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है.”
भारत ने दी चेतावनी: पाकिस्तान 'प्रोबेशन' पर है
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ मौजूदा संघर्षविराम को एक परख काल के तौर पर रखा है. उन्होंने दो टूक कहा, “अगर पाकिस्तान का व्यवहार ठीक रहा तो ठीक, लेकिन अगर फिर कोई हरकत हुई तो सबसे कड़ी सजा दी जाएगी.” यह चेतावनी भारत के इस स्पष्ट रुख को दर्शाती है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.