फिर रुलाने पर उतारू प्याज, केंद्रीय मंत्री बोले ‘देश में प्याज की कोई कमी नहीं, बाढ़ ने बिगाड़े हालात’

प्याज एक बार फिर आम आदमी को रुलाने लगी है. इस बीच खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि बाढ़ की वजह से भी प्याज की कीमतें आसमान छूती जा रही है.

प्याज (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: प्याज (Onion Prices) एक बार फिर आम आदमी को रुलाने लगी है. इस बीच खाद्य मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने मंगलवार को कहा कि बाढ़ (Floods) की वजह से भी प्याज की कीमतें आसमान छूती जा रही है. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच चुका है. हालांकि केंद्र सरकार ने दामों को नियंत्रण में करने के लिए कई उपाय भी सुझाये लेकिन कुछ फायदा होता नहीं दिख रहा है.

मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में बाढ़ के कारण स्थिति ऐसी बन गई है. बाढ़ की वजह से प्याज को ट्रांसपोर्ट करने में दिक्कत आ रही है. जो भी एक दाम बढ़ने का कारण है. देश में प्याज की कोई कमी नहीं है.

उल्लेखनीय है कि प्याज का केंद्रीय बफर स्टॉक 50,000 टन है. पिछले महीने केंद्र सरकार ने राज्यों से स्थानीय बाजार में आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय बफर स्टॉक से प्याज की खरीद करने के लिए कहा था. साथ ही संकट पैदा करने वाले जमाखोरों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

उधर, केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले सप्ताह प्याज की खुदरा कीमत 57 रुपये किलो रही. वहीं मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी. हालांकि, आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के अंत तक प्याज के खुदरा दाम 70 से 80 रुपये किलो पर पहुंच गए. इससे पिछले सप्ताह यह 50 से 60 रुपये किलो थे.

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इस साल मानसून में प्याज की उपज लेने वाले प्रमुख राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश के कारण प्याज की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं. प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ की वजह से प्याज की काफी फसल खराब हुई है. इससे प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है.

प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये सरकार ने इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डालर प्रति टन तय किया है. देश से प्रति वर्ष औसतन 15 लाख टन प्याज का निर्यात करता है. भारत प्रति वर्ष लगभग 1.7-1.8 करोड़ टन प्याज का उत्पादन करता है.

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