यूपी में ओम प्रकाश राजभर की बढ़ती जा रही मुश्किलें!
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के नेता ओम प्रकाश राजभर के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनकी 'सलाह' के बाद अखिलेश ने कहा कि उन्हें किसी की सलाह नहीं चाहिए, राजभर अब सपा के साथ बाड़ को सुधारने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
लखनऊ, 14 जुलाई : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के नेता ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनकी 'सलाह' के बाद अखिलेश ने कहा कि उन्हें किसी की सलाह नहीं चाहिए, राजभर अब सपा के साथ बाड़ को सुधारने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. एसबीएसपी नेताओं का अब दावा है कि पार्टी अब भी काफी हद तक समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ है और अखिलेश के जवाब का इंतजार कर रही है. सपा सूत्रों ने बताया कि अखिलेश राजभर से मिलने के मूड में नहीं थे, क्योंकि वह उनकी दबाव की रणनीति से परेशान थे. सूत्रों के मुताबिक राजभर ने बसपा प्रमुख मायावती के निजी कर्मचारियों को बैठक के लिए फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.
मायावती दिल्ली में हैं, जहां वह कई राज्यों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही हैं.एसबीएसपी प्रमुख ने पुष्टि की है कि उन्होंने बसपा अध्यक्ष के साथ बैठक की मांग की थी, लेकिन अभी तक मुलाकात नहीं हुई है. उन्होंने अब अखिलेश को एसबीएसपी के साथ अपने संबंधों पर फैसला लेने की समय सीमा बढ़ा दी है. पार्टी के एक नेता ने कहा, "सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव के निधन के बाद से अखिलेश यादव को उनके अल्टीमेटम में कुछ ढील दी गई है." यह भी पढ़ें : बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण को लेकर सभी निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया गया: बीएमसी
इस बीच, एसबीएसपी को एक और झटका लगा है, क्योंकि उसके राज्य शशि प्रताप सिंह ने पार्टी छोड़ दी है और राष्ट्रीय समता पार्टी नामक एक नया ग्रुप बनाया है. सिंह ने आरोप लगाया कि राजभर राजनीतिक ब्लैकमेल कर रहे थे और उनकी कोई विचारधारा नहीं थी. उन्होंने कहा कि राजभर अपनी पत्नी और बेटे को राजनीति में लाए हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "वह बिना आधार के बर्तन की तरह एक स्टैंड से दूसरे स्टैंड पर जा रहे हैं. उनके पास कोई राजनीतिक अखंडता नहीं बची है."