मध्यप्रदेश में डिलीवरी के लिए गई महिला के साथ नर्स ने की बदतमीजी, थप्पड़ मारकर कहा- 'इतना क्यों खाया कि बच्चे का वजन बढ़ गया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits Pixabay)

भोपाल: मध्यप्रदेश के इंदौर से लापरवाही और बदतमीजी का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) में नेहा सारड़ा नाम की महिला डिलीवरी कराने के लिए गई थी. जहां पर डिलीवरी के समय अस्पताल की नर्स ने महिला को यह कहते हुए थप्पड़ मार दिया कि वह इतना क्यों खाया कि बच्चे का वजन 4.5 किलो का हो गया. परिवार वालों की माने तो अस्पताल की नर्स ने सिर्फ बदतमीजी ही नहीं बल्कि डिलीवरी के समय लापरवाही भी किया. जिस वजह से नवजात की मौत हो गई. नर्सों के इस लापरवाही और बदतमीजी को परिवार वालो ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच पड़ताल में लग गई है.

न्यूज 18 के खबर के हवाले से इंदौर के सन्मति नगर की रहने वाली नेहा सारड़ा नाम की महिला गर्भवती थी. डिलवरी के लिए गुरुवार सुबह 10.30 परिवार वाले नेहा राजमोहल्ला के पास प्राइवेट अस्पताल ले गए. जहां पर महिला का डिलवरी को लेकर चेकअप डिलवरी पिछले नौ महिना से चल रहा था. परिवार वालों की माने तो अस्पताल पहुंचने के बाद करीब 2 घंटे बाद नेहा को 16 इंजेक्शन दिए गए. इस दौरान भी दर्द कम नहीं हुआ तो स्टाफ ही डिलीवरी के लिए ले गया. जहां पर नेहा की देख रेख करने वाली डॉक्टर वंदना तिवारी ने सिजेरियन डिलेवरी करने को कहा तो नर्सों ने नेहा सारड़ा को चांटे मारे और कहा- इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया. यह भी पढ़े: नर्स की लापरवाही के कारण प्रेग्नेंट महिला की मौत, डिलीवरी के वक्त नवजात के साथ आंत आई बाहर

परिवार वालों के अनुसार डिलवरी तो किसी तरफ से हो गई लेकिन डिलवरी के बाद नर्सों ने महिला के पति को बताया कि बच्चे की धडक़न तो चल रही है. लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा. जिसके बाद परिवार वाले बच्चे को दूसरे अस्पतला में ले गए. जहां बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत हो लेकर दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हुई है. यह भी पढ़े: तमिलनाडु के अस्पताल में हुई लापरवाही, डिलीवरी के दौरान मासूम के हुए दो हिस्से, कोख में रह गया धड़

वहीं यह मामला पुलिस स्टेशन पहुंचने के बाद डॉक्टर वंदना तिवारी ने सफाई में कहा कि परिजन की सहमति से नॉर्मल डिलीवरी का निर्णय हुआ था. सारी रिपोर्ट नॉर्मल थी. रात करीब 11 बजे मरीज को भर्ती किया और 2.30 बजे सामान्य डिलेवरी हुई. शिशु रोग विशेषज्ञ ने जांच के बाद बच्चे को वेंटिलेटर पर रखने की सलाह दी और एनआईसीयू वाले अस्पताल में रेफर कर दिया. डिलवरी के दौरान महिला को नर्स ने थप्पड़ मारने जैसी बातों को लेकर कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकरी नही है.