जयपुर में बच्चों की अदला-बदली के मामले में अब होगा डीएनए टेस्ट

जयपुर के सांगानेरी गेट इलाके के एक महिला अस्पताल में प्रशासन की कथित लापरवाही के चलते बच्चे की अदला-बदली का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए माता-पिता की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit : Pixabay)

जयपुर, 8 सितंबर : जयपुर के सांगानेरी गेट इलाके के एक महिला अस्पताल में प्रशासन की कथित लापरवाही के चलते बच्चे की अदला-बदली का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए माता-पिता की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. इस बीच नवजात शिशुओं को अस्पताल प्रशासन की निगरानी में नर्सरी में रखा गया है और उन्हें मदर मिल्क बैंक से दूध पिलाया जा रहा है. डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि कौन सा बच्चा किस माता-पिता का है.इस बीच, डॉक्टरों ने पुष्टि की कि यह पहला मामला है जब भ्रम को दूर करने के लिए डीएनए परीक्षण किया जा रहा है.

अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा ने कहा, "एक सितंबर को घाटगेट, जयपुर निवासी रेशमा और करौली निवासी निशा ने बच्चों को जन्म दिया. इसी बीच गलतफहमी के चलते दोनों बच्चों का आपस में आदान-प्रदान हो गया." "तीन दिन बाद यानि 3 सितंबर को जब अस्पताल प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने परिजनों को इसकी सूचना दी. इस बात पर रेशमा के परिजन भड़क गए और उन्होंने बच्चे को लेने से इनकार कर दिया." यह भी पढ़ें : सावरकर पर निबंध में बुलबुल का जिक्र एक ‘रूपक’ के तौर पर किया गया है: लेखक की पत्नी

इस विवाद के बाद दोनों नवजात बच्चों को अस्पताल की नर्सरी में रखा गया और मामले को सुलझाने के लिए 6 डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई. शुरूआत में, अस्पताल प्रशासन ने बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के रक्त के नमूने एकत्र किए. इसकी जांच के आधार पर, यह पता चला कि लड़के की मां निशा है और लड़की की मां रेशमा है. रेशमा के परिवार ने इस निष्कर्ष को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. जांच समिति ने फिर से रक्त के नमूने का परीक्षण किया, और फिर भी, रिपोर्ट के आधार पर, लड़की रेशमा और निशा का लड़का निकला. हालांकि, इस बार भी रेशमा के परिवार के सदस्यों ने लड़की को अपनाने से इनकार कर दिया और एक डीएनए परीक्षण मांग की.

अब, समिति ने डीएनए टेस्ट की सिफारिश की है.मामले को लालकोठी पुलिस स्टेशन भेज दिया गया है और डीएनए परीक्षण भी पुलिस द्वारा किया जाएगा. अन्य डॉक्टरों ने भी कहा है कि, विवाद को सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट ही एकमात्र विकल्प है. इस जांच की रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है. रेशमा की पहले से ही दो लड़कियां हैं, जबकि निशा एक लड़के की मां है.

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