Coronavirus: कोरोनावायरस को लेकर देश के 7 हवाईअड्डों पर अलर्ट जारी, चीन से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए होगी जांच

कोरोनावायरस को लेकर जारी चिंता के बीच भारत समेत दुनियाभर के हवाईअड्डों पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं। भारत में भी सात हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच के लिये व्यवस्था की गई है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत सात हवाईअड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग के जरिये यात्रियों की जांच हो रही है.

कोरोनावायरस को लेकर देश के हवाईअड्डों पर अलर्ट जारी (Photo Credit:Twitter/@MoCA_GoI)

नई दिल्ली. कोरोनावायरस को लेकर जारी चिंता के बीच भारत समेत दुनियाभर के हवाईअड्डों पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं. भारत में भी सात हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच के लिये व्यवस्था की गई है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत सात हवाईअड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग के जरिये यात्रियों की जांच हो रही है.

बयान में मंगलवार को कहा गया कि हांगकांग समेत चीन के किसी भी हवाईअड्डे से देश में आने वाली उड़ानों के अंदर यह घोषणा करने को कहा गया है कि बुखार या सर्दी के लक्षण से ग्रस्त कोई यात्री, और ऐसा कोई यात्री जो बीते 14 दिनों के अंदर वुहान की यात्रा पर गया हो वह भारतीय हवाईअड्डों पर पहुंचने के फौरन बाद इस बाबत वहां मौजूद अधिकारियों को जानकारी दे जिससे उसकी जांच की जा सके. यह चीन के हुबेई प्रांत के वुहान में नए कोरोनावायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी यात्रा परामर्श के साथ ही है, जिसमें नागरिकों से कहा गया था कि वे उस देश की यात्रा के दौरान कुछ ऐहतियाती उपाय अपनाएं. यह भी पढ़े-Coronavirus: चीन में कोरोनावायरस से मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हुई

MoCA का ट्वीट-

यात्रियों की जांच की सुविधा दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के अलावा चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचीन में भी उपलब्ध होगी. दरअसल कोरोनावायरस (सीओवी) विषाणुओं के बृहत परिवार का सदस्य है जिसकी वजह से सामान्य सर्दी से लेकर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो रही हैं, लेकिन अब तक चीन में छह लोगों की जान ले चुका यह विषाणु कुछ अलग तरह का है जिसे पहले नहीं देखा गया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि नए सीओवी की प्रजाति के लक्षण दिसंबर में वुहान में दिखने शुरू हुए थे और अबतक 300 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. इससे ग्रस्त लोगों में सांस से जुड़ी समस्याएं, बुखार, खांसी आदि हैं. ज्यादा गंभीर मामलों में संक्रमण की वजह से निमोनिया, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, गुर्दे खराब होना और मौत तक हो सकती है.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सीओवी विषाणुओं के ज्यादा बड़ी प्रजाति है जिसकी वजह से सामान्य सर्दी से लेकर मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस-सीओवी) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस-सीओवी) जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के निदेशक जी अरुण कुमार ने पीटीआई को बताया, “शुरुआती तौर पर उपलब्ध आंकड़ों से संकेत मिलता है कि नए कोरोनावायरस-2019 (2019-एनसीओवी) एसएआरएस-सीओवी और एमईआरएस-सीओवी के मुकाबले कम मौतों का कारक है। इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आने से लेकर गंभीर प्रकृति तक के हो सकते हैं.”

इंसानों से इंसानों में इस विषाणु के प्रसार की पुष्टि के बाद दुनिया भर में इसे लेकर दुनिया के कई देशों में अलर्ट जारी किया गया है. थाईलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया में इसके मामले सामने आए हैं.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोनावायरस संक्रमित जानवर से भी मनुष्यों में फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ ने इससे निपटने को देशों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनमें बीमारों की देखभाल और रोगियों के उपचार से जुड़े दिशा-निर्देश शामिल हैं.

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