करतारपुर कॉरिडोर पर भारत, पाकिस्तान करेंगे चर्चा, जानिए अब तक कब क्या हुआ
करतारपुर कॉरिडोर के लिए 14 जुलाई को होगी वार्ता (Photo Credits: Wikipédia/PTI)

नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकवाद के जारी रहने के कारण पूर्णवार्ता शुरू करने से इनकार किया है, लेकिन दोनों देश तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर को खोलने के लिए वार्ता आयोजित कर रहे हैं. कॉरिडोर नवंबर में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर खोला जाएगा. गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, जिन्होंने अपने आखिरी दिन करतारपुर में बिताए थे. इस कॉरिडोर के जरिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा की इजाजत होगी. भारत में तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर बनाने की मांग की गई. इस कॉरिडोर के जरिए भारत के तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के पंजाब के नारोवल जिले में करतारपुर साहिब मंदिर के दौरे की अनुमति होगी और उसी दिन लौटना होगा.

इस कॉरिडोर के निर्माण को लेकर भारत व पाकिस्तान में बीते साल तालमेल बना था. यह कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों को पवित्र गुरुद्वारा की वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देगा. नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कैबिनेट ने कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बीच भारतीय तरफ आधारशिला उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा रखी गई, जबकि पाकिस्तान की तरफ इसे प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया. यह भी पढ़े-भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर का अमेरिका ने किया स्वागत

भारत व पाकिस्तान ने कॉरिडोर पर पहले चरण की वार्ता भारतीय तरफ अटारी-वाघा सीमा पर 14 मार्च 2019 को की.

दूसरे चरण की वार्ता पाकिस्तान की तरफ वाघा पर 14 जुलाई को हुई. पाकिस्तान 5000 यात्रियों को प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दौरे पर सहमत हो गया. पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट धारकों व ओवरसीज सिटिजनसिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के वीजा मुक्त साल भर लंबी यात्रा को लेकर भी सहमति जताई.

तीर्थयात्रियों को व्यक्तियों के तौर पर या समूहों में या पैदल यात्रा करने की इजाजत होगी. द्वितीय चरण की वार्ता 2 अप्रैल को निर्धारित थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। ऐसा भारत द्वारा पाकिस्तान शिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) में अलगाववादी खालिस्तानी सदस्य की मौजूदगी को लेकर जताई गई चिंता की वजह से किया गया. भारत ने खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला के पीएसजीपीसी में मौजूदगी पर आपत्ति जाहिर की थी. यह भी पढ़े-करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच वार्ता खत्म, वीजा फ्री एंट्री सहित 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बनी सहमति

14 जुलाई की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने 10 सदस्यीय पीएसजीपीसी का फिर से पुनर्गठन किया. पीएसजीपीसी में से चावला का नाम हटाया. लेकिन इसने एक अन्य खालिस्तान समर्थक नेता अमीर सिंह का समिति में नाम शामिल कर लिया.

वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान में खालिस्तानियों की मौजूदगी को लेकर चिंता जताते हुए एक डोजियर सौंपा गया. इसमें कहा गया कि पाकिस्तान के खालिस्तानी यात्रा में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं और तीर्थयात्रियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर इस अवसर का दुरुपयोग कर सकते हैं.

भारत, पाकिस्तान सीमा तक चार लेन का हाईवे बना रहा है और हजारों सिख तीर्थयात्रियों के आवागमन के लिए एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल का निर्माण कर रहा है. ये दोनों 31 अक्टूबर तक तैयार हो जाएंगे.

भारत ने 14 जुलाई की बैठक के दौरान डेरा बाबा नानक मंदिर व आसपास के इलाकों में संभावित बाढ़ के मद्देनजर चिंता से अवगत कराया था.