नई दिल्ली: राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भले ही शीर्ष अदालत में चल रहा है पर सियासी गलियारों में इसके चर्चे और दावे चलते ही रहते हैं. राजनेता अक्सर इस मुद्दे पर अपने विचार रखते रहते हैं लेकिन कई बार उनके विचार विवाद खड़ा कर देते हैं. इसी कड़ी में एक नया विवाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के बयान से खड़ा हुआ है. शशि थरूर ने द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018 में कहा, "कोई भी अच्छा हिंदू विवादित स्थान पर राम मंदिर नहीं चाहेगा. हिंदू अयोध्या को राम का जन्म स्थान मानते हैं इसलिए अच्छा हिंदू ढहाए गए पूजा स्थल पर राम मंदिर नहीं चाहेगा."
चेन्नई में द हिंदू लिट फॉर लाइफ में थरूर ने कहा कि, 'कोई भी अच्छा हिंदू किसी दूसरे के पूजास्थल को गिराकर और बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहता है.थरूर के इस विवाद से सियासी गलियारों में फिर हडकंप मच गया है, जिस पर कई नेता उनकी आलोचना भी कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने अब तक थरूर के इस बयान पर सफाई नहीं दी है. अयोध्या विवाद: बाबर के वंशज ने कहा-राम मंदिर बना तो पहली सोने की ईंट हम रखेंगे
I condemn the malicious distortion of my words by some media in the service of political masters. I said: “most Hindus would want a temple at what they believe to be Ram’s birthplace. But no good Hindu would want it to be built by destroying another’s place of worship.”
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 15, 2018
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने थरूर के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, थरूर का बयान कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाएगा, वह अपने नेता के बयान से दूरी बना लेगी.'
There is a charge-sheet against him, what can we say on the statement of such a person. Woh neech aadmi hai: Subramanian Swamy on Congress leader Shashi Tharoor's statement "no good Hindu would want a temple at Babri masjid site by demolishing somebody else’s place of worship" pic.twitter.com/U82Usvv1Cz
— ANI (@ANI) October 15, 2018
स्वामी ने कहा कि "सुनंदा पुष्कर की हत्या मामले में थरूर के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है, वह नीच आदमी है. उन्हें जेल होगी. राम मंदिर और हिंदुत्व के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. सभी संत अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते देखना चाहते हैं." राम मंदिर निर्माण पर साक्षी महाराज के बगावती तेवर, कहा- 2019 से पहले नहीं हुआ कार्य तो बीजेपी छोड़ कर दूंगा साधु-संतो का साथ
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर पर सुनवाई शुरू करने जा रहा है. अयोध्या मामले में कुल 19 हजार दस्तावेज हैं. इन तमाम दस्तावेजों को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया गया है. साथ ही अदालती बहस की कॉपी पेश की गई है.