कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या को लेकर जूनियर डॉक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. बुधवार, 11 सितंबर को, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि सरकार के प्रयासों के बावजूद डॉक्टरों से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. डॉक्टरों की शर्तों पर सरकार का ऐतराज जताया है. सरकार की तरफ से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को कहा गया है कि शर्तों के साथ कोई बात नहीं होगी. सरकार जहां बिना शर्त बातचीत चाहती है, वहीं डॉक्टर अपनी शर्तों के साथ बैठक करने पर अड़े हुए हैं.
मुख्य सचिव पंत ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों की शर्तों के साथ बातचीत पर जोर देना समस्या को हल नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, "हमने आज भी उन्हें मेल भेजा है और उनसे मिलने की अपील की है ताकि हम उन्हें बता सकें कि हमारी योजना क्या है. लेकिन उनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक नहीं रही. उन्होंने मेल भेजकर कहा कि वे चाहते हैं कि 30 लोग बैठक में उपस्थित रहें. किसी भी चर्चा को शर्तों के साथ नहीं किया जा सकता. हम खुले तौर पर बात करना चाहते थे, लेकिन उनका यह रवैया सही नहीं है."
जूनियर डॉक्टरों की मांगें
जूनियर डॉक्टर, जो पिछले कुछ समय से कोलकाता के स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनके सभी प्रमुख अधिकारी जैसे कोलकाता पुलिस कमिश्नर, राज्य स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों को हटाया नहीं जाता, तब तक वे काम पर वापस नहीं जाएंगे.
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहते हैं, लेकिन उनकी पूरी बातचीत को लाइव प्रसारित किया जाना चाहिए, ताकि जनता को पता चले कि दोनों पक्षों में क्या बातचीत हो रही है.
वहीं राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से अपील की है कि वे बिना शर्त बातचीत करें. मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि डॉक्टरों की मांगों पर खुली बातचीत की जरूरत है, लेकिन 30 लोगों की मांग को लेकर कोई चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि सरकार खुली बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन शर्तों के साथ कोई चर्चा संभव नहीं है.