Repo Rate में कोई बदलाव नहीं, वित्त वर्ष 2024 के लिए GDP 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने गुरुवार को सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की. एमपीसी ने व्यापक आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेपो दर (वह दर जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया.

RBI representational image (Photo Credit- PTI)

चेन्नई, 6 अप्रैल : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने गुरुवार को सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह घोषणा की. एमपीसी ने व्यापक आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेपो दर (वह दर जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ युद्ध को तब तक जारी रखा जाएगा जब तक कि मुद्रास्फीति की दर में टारगेट के आसपास यानि 4 प्रतिशत न हो. दास ने कहा, "हम महंगाई दर को नीचे लाने के लिए सही रास्ते पर हैं."

फरवरी 2023 के आंकड़ों के अनुसार भारतीय मुद्रास्फीति की दर 6.4 प्रतिशत है. उनके अनुसार वित्त वर्ष 2024 के लिए मुद्रास्फीति की दर पहली तिमाही में 5.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत के साथ 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आर्थिक विकास दर पर दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7 प्रतिशत था. यह भी पढ़ें : रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के बाद शेयर बाजार शुरुआती नुकसान से उबरे

वित्त वर्ष 2024 के लिए, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पहली तिमाही में 5.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत, चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत के साथ 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति और जीडीपी विकास अनुमान दोनों के लिए जोखिम समान रूप से संतुलित है. रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के फैसले ने बाजार को चौंका दिया है. बाजार ने 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की थी. लेकिन केवल भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्री ने कहा था कि आरबीआई रेपो दर में वृद्धि नहीं करेगा.

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