NITI आयोग  के सदस्य  वीके सारस्वत ने कश्मीर में इंटरनेट बैन को ठहरा जायज, कहा- गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इस्तेमाल
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत (Photo Credits ANI)

गांधीनगर: जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने के बाद जैसे-जैसे हालात सामन्य हो रहे हैं. उसी के साथ प्रशासन ने जनता को राहत देने का काम भी शुरू कर दिया है. शनिवार को इसी कड़ी में प्रशासन ने सहूलियत देते हुए दस जिलों में प्रीपेड कॉल, SMS और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू दी है. पूरे कश्मीर में जल्द से जल्द इंटरनेट सेवाएं शुरू की जाए लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं. इंटरनेट सेवा को शुरू नहीं करने को लेकर नीति (NITI) आयोग के सदस्य वीके सारस्वत (VK Saraswat) का एक बयान आया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सिर्फ गंदी फिल्में देखने के लिए होता है.

दरअसल मीडिया ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उसने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट क्यों बंद है, जबकि इसे देश के विकास के लिए अहम माना जाता है. जिस पर वे तीखे शब्दों में जवाब देते हुए कहा “कश्मीर में इंटरनेट न होने से क्या फर्क पड़ता है? वहां इंटरनेट पर क्या देखा जाता है? वहां क्या ई-टेलिंग (पढ़ाई) हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा वहां इंटरनेट पर कुछ भी नहीं किया जाता है”. यह भी पढ़े: नए साल पर कश्मीर को सरकार का तोहफा, आधी रात से SMS सुविधा बहाल- स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा भी शुरू

बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाया गया. जिसके बाद लोग केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए सड़क उतर आये. लोगों के विरोध प्रदर्शन और इंटरनेट के जरिये सोशल मीडिया पर लोग अफवा ना फैला सके सरकार ने जम्मू कश्मीर में इंटरनेट, लैंडलाइन, मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गई थीं. जो अब एक-एक करके शुरू की जा रही हैं.