निर्भया गैंगरेप केस: दोषी अक्षय ठाकुर की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की खारिज
निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों में दो आरोपियों की दया याचिका खारिज होने के बाद तीसरे आरोपी अक्षय ठाकुर की फंसी की सजा से बचने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका की गुहार लगाई थी. जो इस आरोपी की भी दया याचिका राष्ट्रपति की तरफ से ठुकरा दी गई है.
Nirbhaya Gangrape Case: निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों में दो आरोपियों की दया याचिका खारिज होने के बाद तीसरे आरोपी अक्षय ठाकुर की फंसी की सजा से बचने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका की गुहार लगाई थी. जो इस आरोपी की भी दया याचिका राष्ट्रपति की तरफ से ठुकरा दी गई है. बता दें कि इसके पहले चारों आरोपियों में मुकेश, अक्षय और विनय ने फांसी की सजा से बचने के लिए राष्ट्रपति के पास दया याचिका की गुहार लगाई थी. जबकि अब तक चौथे दोषी पवन गुप्ता ने दया याचिका दायर नहीं की है.
वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग- अलग। इसके साथ ही अदालत ने फांसी पर रोक के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया. फैसले का अहम हिस्सा पढ़ते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को निर्देश दिया कि वे उपलब्ध कानूनी उपचारों के तहत सात दिन के अंदर आवदेन कर सकते हैं, जिसके बाद अधिकारियों को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. यह भी पढ़े: निर्भया गैंगरेप केस: फांसी पर रोक लगाने की दोषियों की याचिका पर अदालत ने तिहाड़ जेल को भेजा नोटिस, क्या फिर टलेगी फांसी?
अक्षय ठाकुर की दया याचिका खारिज:
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को एक 23 वर्षीय महिला के साथ बेहरमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया और दोषियों की ओर से पीड़िता को काफी अत्याचार भी झेलना पड़ा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद अपराध में शामिल सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर दुष्कर्म व हत्या का मामला दर्ज किया गया. (इनपुट भाषा)