मुंबई: विशेष एनआईए अदालत ने विवादित धर्मगुरु जाकिर नाईक की मुंबई स्थित चार संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया है. नाईक पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज है. 52 साल के नाईक पर दो साल पहले गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए थे. कोर्ट ने नाईक को जून 2017 में वांटेड अपराधी घोषित किया था.
इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शहर में स्थित नाईक के दो फ्लैट और एक कॉमर्शियल प्रतिष्ठान कुर्क कर लिए थे. मझगांव इलाके में नाईक की चार संपत्ति कुर्क करने की इजाजत मांगने वाली केंद्रीय एजेंसी की अर्जी विशेष अदालत ने गुरुवार को स्वीकार कर ली. यह भी पढ़े: भारत को प्रत्यर्पण से इनकार के बाद मलेशियाई PM महातिर से मिला जाकिर नाईक
दरअसल, एनआईए ने दलील दी कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद विभिन्न स्रोतों से उसे फंड मिलना बंद हो गया था. इसलिए नाईक विदेशों में रहते हुए यह संपत्ति को बेचने की कोशिश कर रहा है.एनआईए की ओर से पेश हुए एडवोकेट आनंद सुखदेव ने अदालत से कहा कि नाईक कई देशों में नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रहा है और इस तरह वह मझगांव की संपत्ति बेच कर धन जुटाना चाहता है. यह भी पढ़े: भारत लौटने की खबर को जाकिर नाइक ने बताया गलत, कहा- निष्पक्ष सरकार आने तक वापस नहीं लौटूंगा
गौरतलब है कि इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ 2016 में एंटी-टेरर लॉ के तहत केस दर्ज किया गया था. जून 2017 में कोर्ट ने नाईक को अपराधी घोषित किया. वह जुलाई 2016 से मलेशिया में है.