नए साल पर कश्मीर को सरकार का तोहफा, आधी रात से SMS सुविधा बहाल- स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा भी शुरू
जम्मू-कश्मीर को सरकार की तरफ से नए साल पर तोहफा मिला है. लगभग पांच महीने बाद मंगलवार आधी रात से कश्मीर के सभी इलाकों में एसएमएस सुविधा बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा को शुरू कर दिया गया है. कश्मीर वासियों के लिए यह सरकार का यह कदम किसी तोहफे से कम नहीं है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को सरकार की तरफ से नए साल पर तोहफा मिला है. लगभग पांच महीने बाद मंगलवार आधी रात से कश्मीर के सभी इलाकों में एसएमएस सुविधा बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा को शुरू कर दिया गया है. कश्मीर वासियों के लिए यह सरकार का यह कदम किसी तोहफे से कम नहीं है. 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से घाटी में लैंडलाइन, इंटरनेट और शॉर्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस) सुविधा बंद कर दी गई थी. बीते कुछ दिनों चरणवार लैंडलाइन सर्विस को शुरू किया गया था. जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि मंगलवार आधी रात से सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में भी ब्राडबैंड सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.
कश्मीर में अभी मोबाइल पर इंटरनेट और प्री पेड मोबाइल सेवा बहाल होना बाकी है. रोहित कंसल ने बताया, "अभी यह फैसला नहीं लिया गया है कि इंटरनेट सेवाएं कब शुरू की जाएंगी. मुद्दा सरकार के संज्ञान में है. स्थिति सुधरने के साथ जल्द ही इंटरनेट सेवा भी शुरू कर दी जाएगी.' उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में इंटरनेट सेवा शुरू की जा रही है.
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कश्मीर को सरकार का तोहफा-
इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP Dilbag Singh) ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2019 में लगभग 130 आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब रहे. साल 2018 में यह आंकड़ा 143 था. आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या इस साल घट गई है.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया साल 2018 में 218 युवा आतंकी संगठन में शामिल हुए थे, वहीं इस साल यह संख्या घटकर 139 है. डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या घट रही है. साल 2019 में आतंकियों की संख्या में गिरावट आई है. मौजूदा समय में यह संख्या 300 से घटकर 250 हो गई है.