नोटबंदी के दो साल: जारी हुए नए नोटों की गुणवत्ता होने लगी है खराब, बैंकों में फिर लग सकती हैं कतारें

अब खबर आ रही है कि नोटबंदी के बाद जारी हुए 2000, 500, और 10 रुपये की नोटों की गुणवत्ता ख़राब होने लगी है. अमर उजाला न्यूज पेपर के बातचीत में एक बैंक के आला अधिकारी ने खराब हो रहे इन नोट के बारें में बताया कि खराब नोटों को एटीएम में दोबारा से नहीं डालें सकतें हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits PTI)

नई दिल्ली: अभी एक हफ्ते पहले की खबर है कि मार्च 2019 तक देश के आधे एटीएम (ATM) बंद करने पड़ सकते हैं. ऐसा होता है तो देश की जनता को एटीएम से पैसें लेने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड सकता है. वहीं अब खबर आ रही है कि नोटबंदी के बाद जारी हुए 2000, 500, और 10 रुपये की नोटों की गुणवत्ता ख़राब होने लगी है. अमर उजाला न्यूज पेपर से बातचीत के दौरान बैंक के एक आला अधिकारी ने खराब हो रहे इन नोट के बारें में बताया कि खराब नोटों को एटीएम में दोबारा से नहीं डालें सकतें हैं. क्योंकि एटीएम ख़राब गुणवत्ता वाली नोटों को स्वीकार नहीं करता है. ऐसे में बैंक इन खराब नोटों को आरबीआई (Reserve Bank of India) को वापस भेज रही है.

नए नोटों की गुणवत्ता जिस तरह से ख़राब हो रही है. उसको देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि आरबीआई को नए नोट छापने पड़ सकते हैं. और अगर इन नोटों को छापने और समय रहते बैंकों को पहुंचाने में तालमेल नहीं बैठा तो दो साल पहले नोटबंदी के बाद जिस तरह से देश की बैंकों में पुराने नोटों को बदलने को लेकर लोगों को लाइनों में खड़ा होना पड़ा था ठीक उसी तरह से फिर से लाइन में खड़ा होना पड़ सकता है. यह भी पढ़े:मार्च 2019 में भी हो सकते हैं नोटबंदी जैसे हालात!!!

बैंक के अधिकारी ने अखबर से बातचीत बताया कि जब ये नोट जारी हुए थे तो इन्हें नॉन इश्यूबल कैटेगरी में डालने पर पाबंदी थी. यानी, आरबीआई (RBI) की बैंकों को साफ हिदायत थी कि इन नोटों को चलन से बाहर नहीं किया जा सकता.लेकिन जब इन नोटों की हालत ऐसी नहीं रह गई कि वे इस्तेमाल हो सकें, तो आरबीआई ने जुलाई 2018 में बैंकों के दबाव के सामने इन नोटों को नॉन इश्यूबल कैटेगरी में डालने की इजाजत दे दी. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को घेरा, कहा- राहुल गांधी नोटबंदी और जीएसटी पर देश को भ्रमित कर रहे हैं

बता दें कि  नवंबर 2016 में केंद्र सरकार ने पुराने एक हजार और पांच सौ के नोट गैरकानूनी घोषित कर दिए थे. इनकी जगह दो हजार का गुलाबी, पांच सौ रुपए का ग्रे-ग्रीन, दो सौ रुपए का नारंगी और सौ रुपए का नीला नोट जारी किया गया था. लेकिन अब ये सारे नोट धीरे-धीरे चलन से बाहर होने लगे हैं. हालत ऐसी है कि इस साल जनवरी में जारी कत्थई रंग का 10 रुपए का नोट की गुणवत्ता खराब होने लगी है. हालांकि आरबीआई की तरह से इन नोटों की गुणवत्ता ख़राब हो रही है फिलहाल किसी भी तरह का अधिकारिक बयान नहीं आया है.

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