Sanchar Saathi App पर नया विवाद! सुरक्षा बढ़ाने का दावा या प्राइवेसी पर खतरा, जानें पूरा मामला

Sanchar Saathi ऐप को केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी रोकने और चोरी हुए मोबाइल फोन खोजने का एक प्रभावी साधन बता रही है.

(Photo- X)

Sanchar Saathi App Controversy: Sanchar Saathi ऐप को केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी रोकने और चोरी हुए मोबाइल फोन खोजने का एक प्रभावी साधन बता रही है. लेकिन विपक्ष और डिजिटल अधिकारों पर काम करने वाले कई समूहों का कहना है कि यह ऐप लोगों की निजी जानकारी तक पहुंचने का माध्यम भी बन सकता है. उनका आरोप है कि इसके जरिए कॉल लॉग और मैसेज तक पहुंचना संभव है, जिससे नागरिकों की प्राइवेसी प्रभावित हो सकती है.

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सरकार ने क्या कहा?

सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. टेलीकॉम मंत्रालय का कहना है कि Sanchar Saathi एक पूरी तरह स्वैच्छिक ऐप है, जिसे कोई भी यूजर अपनी मर्जी से इंस्टॉल या अनइंस्टॉल कर सकता है. मंत्रालय का दावा है कि ऐप केवल उन सुविधाओं का इस्तेमाल करता है जिनकी अनुमति यूजर स्वयं देता है. अधिकारियों के मुताबिक यह ऐप चोरी या फर्जी आईडी पर लिए गए मोबाइल कनेक्शनों को बंद करवाने और साइबर अपराध से बचाने के लिए बनाया गया है.

विवाद की जड़: सुरक्षा बनाम निजता

यह विवाद दुनिया भर में चल रही उस बहस को फिर सामने लाता है जिसमें सुरक्षा और प्राइवेसी के बीच संतुलन को लेकर सवाल उठते रहते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा बढ़ाने के नाम पर प्राइवेसी में दखल देना एक खतरनाक शुरुआत हो सकती है. वहीं सरकार का तर्क है कि डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटना अत्यंत जरूरी है, और इसके लिए आधुनिक टूल्स की जरूरत होती है.

यूजर्स में बढ़ी सतर्कता

सोशल मीडिया पर भी इस ऐप को लेकर बहस छिड़ी है. कई लोग ऐप को सकारात्मक कदम बता रहे हैं, वहीं कुछ यूजर्स इसे निगरानी का नया तरीका मानते हैं. तकनीकी विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसकी परमिशन को ध्यान से पढ़ें और समझें कि फोन का कौन सा डेटा ऐप इस्तेमाल करेगा.

आगे क्या

फिलहाल सरकार ऐप को सुरक्षित बताते हुए इसके उपयोग को बढ़ावा दे रही है, जबकि प्राइवेसी समूह इसके तकनीकी ऑडिट और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार इन चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है.

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