लापरवाही: महिला के पेट में छूटा कपड़ा, 1.5 साल बाद ऑपरेशन कर निकाला गया, जांच के आदेश
ग्रेटर नोएडा में एक बार फिर अस्पताल की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल बैकसोन हॉस्पिटल में एक महिला के ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरती गई, जिसके चलते उसकी जान खतरे में पड़ गई.
ग्रेटर नोएडा, 25 अप्रैल : ग्रेटर नोएडा में एक बार फिर अस्पताल की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल बैकसोन हॉस्पिटल में एक महिला के ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरती गई, जिसके चलते उसकी जान खतरे में पड़ गई. करीब डेढ़ साल पहले हुए महिला के ऑपरेशन के दौरान एक कपड़ा उसके पेट में ही छूट गया. करीब डेढ़ साल तक महिला दर्द सहती रही. इसके बाद दूसरे अस्पताल में सर्जरी करके कपड़े को बाहर निकाला गया.
महिला के परिजनों ने इसकी शिकायत गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ से की है. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. यह मामला 14 नवंबर 2023 का है, जब अंशुल वर्मा नाम की महिला का बैकसोन हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन डॉ. अंगना अग्रवाल ने किया था. ऑपरेशन के बाद महिला को लगातार पेट में दर्द की शिकायत रही, लेकिन कई बार डॉक्टरों से जांच कराने के बावजूद दर्द का असली कारण सामने नहीं आ पाया. यह भी पढ़ें : मप्र: पहलगाम हमले के विरोध में मुसलमानों ने किया प्रदर्शन, पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए
आखिरकार, जब महिला की जांच कैलाश हॉस्पिटल में कराई गई तो वहां पेट में गांठ की जानकारी मिली, जिसके बाद 22 अप्रैल 2025 को दोबारा ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट से लगभग आधा मीटर लंबा सोकिंग क्लॉथ बरामद किया, जिसे पिछली सर्जरी के दौरान पेट में ही छोड़ दिया गया था.
पीड़ित परिवार का कहना है कि ऑपरेशन के बाद किसी तरह की दूसरी सर्जरी या हस्तक्षेप नहीं हुआ था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कपड़ा पहली सर्जरी के दौरान ही पेट में रह गया था. इस गंभीर लापरवाही के बाद पीड़ित परिवार ने सीएमओ डॉ. नरेंद्र कुमार से शिकायत दर्ज कराई है. सीएमओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच कमेटी का गठन किया है और दोषी पाए जाने पर संबंधित चिकित्सक और अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है.