अमरनाथ यात्रा: 24 दिनों में लगभग 3 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सिर्फ तीन सप्ताह और कुछ दिनों के अंदर यह संख्या 2.9 लाख को पार कर चुकी है. जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से 2,723 यात्रियों का एक जत्था बुधवार को सुरक्षा सहित दो काफिलों में रवाना हुआ. इस साल 17 जुलाई को शुरू हुई 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा.
जम्मू : इस वर्ष अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सिर्फ तीन सप्ताह और कुछ दिनों के अंदर यह संख्या 2.9 लाख को पार कर चुकी है. पुलिस ने कहा कि जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से 2,723 यात्रियों का एक जत्था बुधवार को सुरक्षा सहित दो काफिलों में रवाना हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, "इनमें से 1,247 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 1,476 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं."
एक अधिकारी ने कहा, "पिछले 23 दिनों में लगभग 2.90 लाख श्रद्धालुओं ने गुफा के अंदर पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं." श्रद्धालुओं के अनुसार, कश्मीर में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है. एसएएसबी के अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के दौरान 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें से 22 तीर्थयात्रियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, वहीं दो लोगों की मौत दुर्घटनाओं में हुई है.
यह भी पढ़ें : जम्मू-श्रीनगर हाईवे के पास IED मिलने की खबर, अमरनाथ यात्रा रोकी गई- सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरा
तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं. बालटाल मार्ग से लौटने वाले श्रद्धालु दर्शन करने वाले दिन ही आधार शिविर लौट आते हैं. दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं.
स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है. पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहे बूटा मलिक ने की थी. किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बोरा दिया था, जो बाद में सोने से भरे बोरे में बदल गया था.
लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चढ़ावे का कुछ भाग दिया जाता है. इस साल 17 जुलाई को शुरू हुई 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा.