मुंबई: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हड़कंप मच गया है. अजित पवार (Ajit Pawar) ने रविवार को 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया. उन्होंने 8 विधायकों संग मंत्रीपद की शपथ ली और महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं. अजित पवार के इस कदम से एनसीपी और शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. अब एनसीपी ने अजित पवार और 8 विधायकों के खिलाफ एक्शन लेने की प्लानिंग कर ली है. एनसीपी में अप्रत्याशित टूट से महाराष्ट्र की राजनीति में आया भूचाल, राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ा असर.
एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार देर रात प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और आठ अन्य लोगों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है. अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है.
रविवार के घटनाक्रम से एनसीपी टूट गई है. सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि पार्टी को सबसे बड़ी बगावत देखनी पड़ी. अब लड़ाई पार्टी लड़ाई पार्टी के सिंबल और नाम को लेकर शुरू हो गई है. दोनों पक्ष का दावा है कि पार्टी पर उनका अधिकार है.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अजित पवार ने रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि कुछ वरिष्ठ नेताओं सहित उनकी पार्टी के आठ विधायकों को शिवसेना-बीजेपी सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया गया.
विपक्ष की एकता पर सवाल
एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के लिए अजित पवार द्वारा अपने चाचा एवं NCP प्रमुख शरद पवार का साथ छोड़ने से विपक्षी एकता कायम करने के 15 पार्टियों के कदम को बड़ा झटका लगा है. इन विपक्षी दलों ने पिछले महीने पटना में एक बैठक की थी.