Navratri 2021 Guidelines: गरबा-डांडिया के बिना महाराष्ट्र में मनाई जाएगी नवरात्रि, इन नियमों का भी रखना होगा ध्यान
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले में काफी कमी आ चुकी है. इस बीच अब त्योहारों का सीजन भी शुरू हो चुका है. गुरुवार 7 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही हैं. 15 अक्टूबर को दशहरा है. त्योहारों के सीजन में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है. ऐसे में राज्य में कोरोना से दोबारा पहले जैसी स्थिति न बने इस कारण राज्य सरकार त्योहारों को सीजन में एहतियात बरतने में लगी हुई है.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना संक्रमण के मामले में काफी कमी आ चुकी है. इस बीच अब त्योहारों का सीजन भी शुरू हो चुका है. गुरुवार 7 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही हैं. 15 अक्टूबर को दशहरा है. त्योहारों के सीजन में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है. ऐसे में राज्य में कोरोना से दोबारा पहले जैसी स्थिति न बने इस कारण राज्य सरकार त्योहारों को सीजन में एहतियात बरतने में लगी हुई है. नवरात्रि और दुर्गापूजा और दशहरा को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं. Sharad Navratri 2021 Dates: कब शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि? जानें कलश-स्थापना की विधि-मंत्र एवं किस दिन किस शक्ति की होगी पूजा?
राज्य सरकार ने पिछले साल की ही तरह राज्य में गरबा-डांडिया पर रोक लगा दी गई है. यानी इस बार भी नवरात्रि में राज्य में किसी तरह के गरबा और डांडिया के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा सकेगा. महाराष्ट्र सरकार ने COVID-19 के कारण राज्य में सांस्कृतिक समारोहों पर रोक लगा दी है. सरकार नहीं चाहती है कि किसी भी कारण राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ें.
राज्य सरकार ने सामुदायिक पंडालों के लिए मूर्तियों की ऊंचाई चार फीट और घरेलू उत्सव के लिए दो फीट तक सीमित कर दी है. राज्य प्रशासन ने सामुदायिक पंडालों को ऑनलाइन दर्शन करने के लिए भी कहा है. इसके अलावा सामुदायिक पंडालों में एक समय में केवल पांच लोग एक साथ रह सकते हैं.
सरकार ने सामुदायिक पंडालों में खाद्य और पेय पदार्थों पर रोक लगा दी गई है. राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर में कहा है कि COVID-19 का खतरा अभी भी बना हुआ है और त्योहारी सीजन के दौरान भीड़भाड़ से यह खतरा और बढ़ेगा.
सर्कुलर में कहा गया है, 'गरबा, डांडिया या कोई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित न करें. इसके बजाय, स्वास्थ्य शिविरों जैसे रक्तदान और COVID-19, मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन को प्राथमिकता दें. सर्कुलर में कहा गया है कि सामुदायिक मंडलों को केबल नेटवर्क, वेबसाइट, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मूर्तियों के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था करनी चाहिए.