बिहार की राजनीती में नाटकीय परिवर्तन के बाद, आगे की रणनीति के लिए आज JP नड्डा के नेतृत्व में भाजपा के आलाकमान की बैठक होने की संभावना
बिहार मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कोर कमिटी के नेताओ की बैठक मंगलवार शाम पार्टी मुख्यालय में होने की संभावना है. यह बैठक बिहार के लिए भाजपा के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित अन्य की मौजूदगी में होनी है
सूत्रों के अनुसार, बिहार मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कोर कमिटी के नेताओ की बैठक मंगलवार शाम पार्टी मुख्यालय में होने की संभावना है. यह बैठक बिहार के लिए भाजपा के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित अन्य की मौजूदगी में होनी है. केंद्रीय मंत्री और पूर्व महासचिव भूपेंद्र यादव के मंत्री बनने के बाद वर्तमान में भाजपा का कोई प्रभारी नहीं है. यह भी पढ़ें: थोड़ी ही देर में नीतीश कैबिनेट के मंत्री लेंगे शपथ, लिस्ट में ये नाम शामिल
नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में बिहार की राजनीतिक उथल-पुथल और भाजपा अपने कैडर वोटर को आगे कैसे प्रेरित कर सकती है, साथ ही साथ अभी होने वाली फ्लोर टेस्ट के लिए भी योजना पर भी बातचीत होने की संभावना है जो 24 अगस्त को होने वाली है. बैठक में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन समेत बिहार के नए सांगठनिक स्वरूप पर चर्चा होगी.
24 अगस्त से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा सत्र के पहले सत्र में नीतीश कुमार का फ्लोर टेस्ट होगा. इस महीने की शुरुआत में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर, राजद और अन्य दलों के साथ मिल कर सरकार बनाई थी. 10 अगस्त को नितीश कुमार ने मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लीथी.
जनता दल (यूनाइटेड) ने 9 अगस्त को सर्वसम्मति से भाजपा के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया और नीतीश कुमार की पार्टी ने सत्ता के नाटकीय परिवर्तन से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ मिला सरकार बनायीं थी.
2020 में भाजपा-जद (यू) ने संयुक्त रूप से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीता था और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में पहली बार एनडीए छोड़कर RJD के साथ सरकार बनायीं थी जब नरेंद्र मोदी NDA के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बन गए थे और फिर 2017 में राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ अपने गठबंधन को तोड़ कर फिर से एनडीए खेमे में वापस जाकर सरकार बनायीं थी.
नीतीश कुमार ने भाजपा पर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाने और पूर्व केंद्रीय मंत्री और जद (यू) नेता आरसीपी सिंह के भाजपा के साथ सांठ-गांठ रखने का आरोप लगाने के बाद दोनों पार्केटियों बीच झगडा शुरू हुआ था और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था जो पहले नितीश कुमार के सबसे करीबी माने जाते थे.