नई दिल्ली: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह (Muzaffarpur shelter home case) मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया है. दिल्ली की साकेत कोर्ट (Delhi Saket Court) ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण मामले में यह फैसला सुनाया है.
ठाकुर सेवा संकल्प एवं विकास समिति नामक एनजीओ के मालिक हैं. मुजफ्फरपुर का मामला सेवा संकल्प एवं विकास समिति के तहत चलने वाले एक आश्रय गृह से संबंधित है, जहां यौन शोषण, दुष्कर्म और यातना के मामले दर्ज किए गए थे. यह भी पढ़े: मुजफ्फरपुर : आश्रय गृह में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं की तस्वीरों व वीडियो प्रसारित करने पर मीडिया को रोक
Muzaffarpur shelter home case: A Delhi Court convicts 19 accused including NGO owner Brajesh Thakur in connection with sexual & physical assault of girls at a shelter home in Bihar's Muzaffarpur district. One accused acquitted. pic.twitter.com/n8ysX2D994
— ANI (@ANI) January 20, 2020
एक चिकित्सा परीक्षण में आश्रय में रहने वाली 42 लड़कियों में से 34 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. इस मामले में 31 मई, 2018 को 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.