हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, दुनिया चांद पर पहुंच चुकी है. लेकिन दुनिया में आज भी कुछ ऐसे समाज के लोग हैं जो आज भी दकियानूसी सोच से ऊपर नहीं उठ पाए है. आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही हैं. वहीं महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक ऐसा समुदाय है जहां महिलाओं की वर्जिनिटी टेस्ट करने की प्रथा है. इस परंपरा के अनुसार लड़की को शादी के बाद साबित करना पड़ता है कि वो कुँवारी है और अगर वर्जिनिटी टेस्ट के बाद लड़की वर्जिन नहीं निकली या वो अपनी वर्जिनिटी साबित नहीं कर पाई तो उसे वापस हमेशा के लिए उसके मां-बाप के घर भेज दिया जाता हैं. जिसके बाद उससे कभी कोई शादी नहीं करता है.
'कंजरभाट समुदाय' के एक परिवार ने इस प्रथा का विरोध किया. जिसके बाद उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया. इस परिवार के लोगों ने पुलिस से मदद ली. पुलिस ने परिवार के बयान के आधार पर अंबरनाथ कस्बे के 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. ठाणे पुलिस ने महाराष्ट्र जन सामाजिक बहिष्कार निषिद्ध अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वर्जिनिटी टेस्ट प्रथा का बहिष्कार करने पर उनके परिवार का एक साल से बहिष्कार कर दिया गया है. समाज के लोगों को कहा गया है कि हमारे परिवार के साथ कोई भी किसी तरह का संबंध न रखे. महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल फरवरी में महिला को वर्जिनिटी टेस्ट कराने के लिए बाध्य करने को लेकर दंडनीय कानून बनाया है.