Mumbai: नई मुसीबत में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, 15 करोड़ की रिश्वत के मामले में FIR- 5 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी शिकायत
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह (Photo Credits-ANI)

मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. परमबीर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. परमबीर के अलावा मुंबई पुलिस के अन्य पुलिस अधिकारियों का नाम भी FIR में है. ये FIR एक बिजनेस मैन की शिकायत पर दर्ज हुई है जिसने 15 करोड़ की रिश्वत का आरोप लगाया है. मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में पूर्व पुलिस कमिश्नर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. बिजनेसमैन ने आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. जिसमें परमबीर सिंह सहित 6 पुलिस अधिकारी शामिल हैं. वहीं दो अन्य लोग हैं, जिनकी गिरफ्तारी हो चुकी है. Maharashtra: सांगली, कोल्हापुर और सतारा में कोरोना के मामले बढ़ा रहे टेंशन, क्या सरकार बढ़ाएगी सख्ती?

शिकायत करने वाले बिजनेस मैन का आरोप है कि उनके खिलाफ दर्ज कुछ केस और शिकायतों का निपटारा करने के बदले में उनसे 15 करोड़ की डिमांड की गई थी. इस एफआईआर में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के अलावा 5 अन्य पुलिसकर्मी और दो आम नागरिक के नाम शामिल हैं. कुल 8 लोगों के नाम ये FIR हुई है.

बिजनेस मैन ने लगाया पूर्व कमिश्नर पर आरोप 

इस बीच, महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को भी परमबीर सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी मिल गई है, जिसमें पुलिस अधिकारी अनूप डांगे (Anup Dange) को बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसे पूर्व कमिश्नर ने अपने कार्यकाल के दौरान निलंबित कर दिया था.

पुलिस अधिकारी अनूप डांगे ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह के रिश्तेदार होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उनसे 2 करोड़ रुपये का भुगतान करके निलंबन के बाद उन्हें मुंबई पुलिस में बहाल करने के लिए संपर्क किया था.

डांगे ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह ने एसीबी के महानिदेशक रहते हुए अंडरवर्ल्ड से जुड़े कुछ लोगों को कानून से बचाने की कोशिश की थी.

बता दें कि इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने खुद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का गंभीर आरोप लगाया था. इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया था, यहां तक कि अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. पूरे विवाद में परमबीर सिंह को भी अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी.