Mughal Gardens: 13 फरवरी से आम जनता के लिए खुलेगा राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन, जानिए खास बातें
हर साल प्रकृति प्रेमियों को राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन के खुलने का इंतजार रहता है. गुलाब, ट्यूलिप जैसे अनेक फूलों की खूबसूरती निहारने बड़ी संख्या में लोग मुगल गार्डन आते हैं. इस साल भी राष्ट्रपति आज उद्यानोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं. कल 13 फरवरी से आम नागरिकों के लिए मुगल गार्डन खोल दिया जाएगा.
मुगल गार्डन: हर साल प्रकृति प्रेमियों को राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन (Mughal Garden) के खुलने का इंतजार रहता है. गुलाब, ट्यूलिप (Tulips) जैसे अनेक फूलों की खूबसूरती निहारने बड़ी संख्या में लोग मुगल गार्डन आते हैं. इस साल भी राष्ट्रपति आज उद्यानोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं. कल 13 फरवरी से आम नागरिकों के लिए मुगल गार्डन खोल दिया जाएगा. आइये मुगल गार्डन के इतिहास से लेकर कोरोना काल में उद्यान भ्रमण के लिए जाते हुए किन बातों का ध्यान रखना है, इस आलेख के माध्यम से आपको यह सब बताते हैं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य, राष्ट्रपति भवन के इस गेट से होगा प्रवेश
मुगल उद्यान में प्रवेश के लिए लोगों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग https://rashtrapatisachivalaya.gov.in इस लिंक के माध्यम से करवाया जा सकता है. राष्ट्रपति भवन द्वारा बताया गया है कि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच एक-एक घंटे के सात अग्रिम बुकिंग स्लॉट उपलब्ध होंगे. प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 100 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. आगंतुकों को अंतिम प्रवेश शाम 4 बजे दिया जाएगा और प्रवेश राष्ट्रपति भवन के गेट संख्या 35 से होगा. पहले राष्ट्रपति भवन से टिकट लेकर भी मुगल गार्डन देखने जा सकते थे. इस बार कोरोना को देखते हुए सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है. यह भी पढ़ें :Tamil Nadu: विरुधुनगर में पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग से 9 की मौत, दो दर्जन से अधिक झुलसे- पीएम मोदी ने जताया दुख
जानिए कौन से सामान नहीं ले जा सकेंगे साथ
राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा व्यवस्था बेहद पुख्ता होती है. बहुत -सी चीजें लोग अपने साथ नहीं ले जा सकते. ऐसे में उद्यान भ्रमण के लिए आने वाले लोगों से राष्ट्रपति भवन ने यह आग्रह किया है कि मुगल गार्डन जाते हुए लोग अपने साथ पानी की बोतल, ब्रीफकेस, पर्स, कैमरा, रेडियो डिब्बे, छाता और खाद्य सामग्री लेकर न जाएं. राष्ट्रपति भवन में जनता के लिए निर्धारित किए गए मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पेयजल, प्रसाधन और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.
कोरोना से बचाव के नियमों का करना होगा पालन
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. मुगल गार्डन में आने वाले सभी लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय अपनाने होंगे. प्रवेश द्वार पर आगंतुकों को थर्मल स्क्रीनिंग से होकर गुजरना होगा. कोरोना के कारण आगंतुकों को अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी. हाथ सैनेटाइज करने, मास्क पहनने और सामाजिक दूरी जैसे कोरोना से बचाव संबंधी नियमों का पालन करना होगा. राष्ट्रपति भवन द्वारा कहा गया है कि कोविड महामारी से संबंधित अति संवेदनशील लोगों उद्यानोत्सव में शामिल होने से बचें.
आखिर क्यों है मुगल गार्डन इतना खास
देश-विदेश के लाखों लोगों को आकर्षित करने वाले मुगल गार्डन की अनेक विशेषताएं हैं. आइये जानते हैं -
• प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मुगल गार्डन को आम नागरिकों के लिए खोलने का आदेश जारी किया था.
• मुगल गार्डन का निर्माण सन 1928 में हुआ था. एडवर्ड लुटियंस ने इसकी रचना की.
• मुख्य उद्यान के दोनों ओर उत्तरी और दक्षिणी सीमाओं पर ऊंचे तल पर लंबी क्यारियां हैं.
• उद्यान में गुलाब की 150 प्रमुख प्रजातियां हैं जिसके कारण यह विश्व के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक हो जाता है.
• इसमें बोन्न नुइट, ओलाहोमा जैसे गुलाब भी हैं जो कि कालेपन के नजदीक होते हैं. नीले रंगों में यहां पैराडाइज, ब्लू मून, लेडी एक्स हैं. यहां पर दुर्लभ हरा गुलाब भी मिलता है.
• गुलाबों के नाम बहुत ही रोचक हैं. बहुत से भारतीयों के नाम पर भी यहां गुलाब हैं, जैसे मदर टेरेसा, अर्जुन, भीम, राजा राम मोहन राय, जवाहर, डॉ. बी.पी. पाल, जॉन एफ-केनेडी और क्वीन एलिजाबेथ. यह भी पढ़ें : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और MLA सुजान सिंह पठानिया ने दुनिया को कहा अलविदा, लंबे समय से थे बीमार
• उद्यान में विभिन्न प्रकार के फूलों को इस तरह से रखा गया है कि वे एक सुसंगत, प्राकृतिक तथा मनोरम प्रभाव उत्तपन्न करें.
• मौसमी फूलों की पौध को वर्ष में दो बार राष्ट्रपति के द्वारा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर ‘एट होम’ के आयोजन की तैयारी के लिए रोपा जाता है जो कि केंद्रीय लॉन में आयोजित होते हैं.
• सर्दियों के दौरान उद्यान ऐसे बहुत-सी वार्षिक प्रजातियों से भर जाता है. इनमें कैलेंडुला, एन्टिर्हनम्, एलिसम, डाइमोरफोथेसा, एस्सोलजिया (कैलिफोर्नियन पौपी), लार्क्सपर, जरबेरा, गोडेटिया, लिनारिया शामिल हैं.
• क्यारियों और उसके चारों ओर बहुत से शाकीय वार्षिक तथा द्विवार्षिक पौधे उगते हैं. ये क्यारियां लॉनों के कोनों पर अथवा पटरियों के साथ-साथ हैं.