MP: नशे में धुत प्रिंसिपल ने महिला टीचर को शराब और सिगरेट पीने के लिए किया मजबूर, विरोध करने पर घुटनों पर बैठाया
जबलपुर के एक स्कूल में नशे में धुत प्रिंसिपल ने एक महिला शिक्षक को शराब और सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया. विरोध करने पर उसे स्कूल में घुटनों के बल बैठने को कहा और मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया. पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक शराब के नशे में धुत स्कूल प्रिंसिपल ने महिला शिक्षक को सिगरेट पीने और शराब पीने के लिए मजबूर किया. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना सालीवाड़ा स्थित एक कॉन्वेंट स्कूल की है, जहां के प्रिंसिपल क्षितिज जैकब ने महिला शिक्षक को काम के बहाने डुमना रोड ले जाकर मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़ित किया. शिक्षक के अनुसार, प्रिंसिपल ने उसे शराब पीने और सिगरेट पीने के लिए दबाव डाला. जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे स्कूल में सार्वजनिक रूप से तौहीन किया गया और घुटनों पर बैठने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद, महिला ने यह सोचते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उसे न्याय मिल सके.
शिक्षिका की शिकायत
शिक्षिका ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रिंसिपल ने उसे लगातार अपने कार्यालय बुलाकर अनुचित व्यवहार किया और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी. दो साल तक उसे अपनी नौकरी की चिंता में इस उत्पीड़न को सहन करना पड़ा, लेकिन इस घटना के बाद उसने अब पुलिस से मदद लेने का फैसला किया.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुर्यकांत शर्मा ने बताया कि खमरिया थाना पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और स्कूल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अन्य कर्मचारियों के बयान भी लिए जा रहे हैं, जो इस मामले में सबूत जुटाने में मदद करेंगे.
प्रिंसिपल का बयान
हालांकि, आरोपी प्रिंसिपल क्षितिज जैकब ने अब तक इन आरोपों पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है. पुलिस ने आरोपों की जांच करते हुए यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि अगर आरोप सही पाए गए तो आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह मामला स्कूल में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाता है और इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है.