VIDEO: इलाहाबाद HC के जस्टिस शेखर कुमार यादव के 'कठमुल्ला' वाले बयान पर नगीना से MP चंद्रशेखर भड़के, राष्ट्रपति मुर्मू से संज्ञान लेने की मांग की

प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बोलते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने विवादित बयान दिया है. शेखर कुमार यादव ने कहा कि शब्द गलत हैं. लेकिन 'कठमुल्ला' देश के लिए घातक हैं

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Allahabad HC Judge's Shekhar Kumar Yadav 'Kathamulla' Remark: प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बोलते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने विवादित बयान दिया है. शेखर कुमार यादव ने कहा कि शब्द गलत हैं. लेकिन 'कठमुल्ला' देश के लिए घातक हैं. लेकिन कहने में गुरेज नहीं हैं. वे जनता को बिगड़ने वाले लोग हैं. ऐसे लोगों को से सावधान रहने की जरूरत हैं. क्योंकि वे नहीं चाहते हैं कि देश आगे बढे.  जज शेखर कुमार यादव के बयान का नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विरोध जताया है. चंद्रशेखर आजाद ने जज शेखर कुमार यादव के वीडियो को पोस्ट कर लिखा, प्रयागराज, यूपी में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव का बयान न्यायिक गरिमा, संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और समाज में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी का गंभीर उल्लंघन है.

वहीं आगे आजाद ने लिखा कि 'कठमुल्ला' जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है. ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, जो न्यायपालिका जैसे पवित्र संस्थान के लिए अक्षम्य है.एक न्यायाधीश का कर्तव्य है कि वह अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से समाज को एकजुट करे, न कि वैमनस्य को बढ़ावा दे. ऐसे बयान न्यायपालिका की साख को कमजोर करते हैं और जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं. न्यायाधीश का धर्म केवल न्याय होना चाहिए, न कि किसी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह. महामहिम को टैग कर लिखा महोदया जी,संज्ञान ले. यह भी पढ़े: UP: कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय का विवादित बयान, कहा- हिंदू का मकान हिंदू और मुस्लिम का मकान मुस्लिम ही खरीदे, ऐसा बने कानून- Video

जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान का MP चन्द्र शेखर ने जताया विरोध:

कांग्रेस नेता ने भी जताया विरोध:

जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान का कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने विरोध जताया है. शाहनवाज आलम ने कहा कि जस्टिस शेखर कुमार यादव और जस्टिस दिनेश पाठक किसी गैर सरकारी और गैर विभागीय मंच पर कैसे जा सकते हैं. यह न्यायाधीशों के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट को खुद संज्ञान लेकर इन दोनों न्यायाधीशों को पद से हटा देना मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी है जिसको निभा पाने में वो असफल दिख रहे हैं.

शाहनवाज आलम ने कहा कि अपने संबोधन में जस्टिस शेखर यादव का यह कहना कि भारत अपने बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार चलेगा, बताता है कि जस्टिस यादव संविधान तक को नहीं मानते जो भारत को बहुसंख्यकवादी राज्य नहीं बल्कि सेकुलर और लोकतांत्रिक राज्य मानता है.

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