कोविड-19: नोएडा में 40 से ज्यादा मामले ब्रिटिश ऑडिटर के कारण

नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में कोरोनावायरस के अब तक 64 मामले सामने आ चुके हैं और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारी पिछले महीने से इस बात का पता लगा रहे हैं कि मार्च के प्रारंभ में ब्रिटेन से यहां अपनी कंपनी में आए ऑडिटर के संपर्क में आखिरकार कितने लोग आए थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

गौतमबुद्ध नगर: नोएडा के गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) में कोरोनावायरस के अब तक 64 मामले सामने आ चुके हैं और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारी पिछले महीने से इस बात का पता लगा रहे हैं कि मार्च के प्रारंभ में ब्रिटेन से यहां अपनी कंपनी में आए ऑडिटर के संपर्क में आखिरकार कितने लोग आए थे. गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एल.वाई. ने बताया, "आज काफी सारे सैम्पल्स की रिपोर्ट आ रही है और कुछ घर भी जाएंगे. सही संख्या बताना अभी मुश्किल होगा, लेकिन मेरी जानकारी के मुताबिक 40 के आसपास की संख्या है, जो ऑडिटर के साथ जुड़े हुए हैं."

जानकारी के अनुसार, ऑडिट करने वाला व्यक्ति जो नोएडा स्थित एक कंपनी सीजफायर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करता है, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतकर सीधे उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया. फिर दो दिन बाद वह नोएडा में रुका और लॉकडाउन से कुछ दिन पहले वापस चला गया. यह भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा में कोविड-19 के संदिग्ध रोगी ने सातवीं मंजिल से कूदकर जान दी

नोएडा में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते गए और कहीं न कहीं यह शख्स एक मुख्य पॉइंट रहा है, जिसके संपर्क में आने से कई लोग संक्रमित हुए हैं. नोएडा में आठ मार्च को पहला कोरोना संक्रमित मरीज मिला था और आठ मार्च से 21 मार्च तक पांच मरीज कोरोना से संक्रमित मिले थे. ऑडिटर 19 मार्च को वापस चला गया था और नोएडा में उसके बाद से एक के बाद एक कोरोना से संक्रमित मामले सामने आए और आंकड़े के अनुसार 21 मार्च से 24 मार्च तक 11 मारीज हुए और 27 मार्च को 17 मामले सामने आए.

सेक्टर 137 स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाली एक महिला ने 23 मार्च को कोरोना के संक्रमण के लक्षण के बारे में बताया था और उनके परिवार का एक सदस्य सीजफायर कम्पनी में काम करता था, जिसके बाद 24 मार्च को उसे और उसके पति को कोरोना हुआ. फिर 25 मार्च को उनकी बेटी को कोरोना हुआ, जिसके बाद सेक्टर 50, सेक्टर 128, सेक्टर 37 से कोरोना संक्रमित मरीज मिले, जो कि सीजफायर कंपनी के संपर्क में थे.

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