जम्मू-कश्मीर में तीन साल में हुई आतंक की 1550 घटनाएं, 627 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने किया ढेर

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 1500 से अधिक घटनाएं सामने आईं, वहीं देश के शेष हिस्से में नवंबर 2018 में अमृतसर में एक ग्रेनेड हमले को छोड़कर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ.

इंडियन आर्मी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 1500 से अधिक घटनाएं सामने आईं, वहीं देश के शेष हिस्से में नवंबर 2018 में अमृतसर में एक ग्रेनेड हमले को छोड़कर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जम्मू कश्मीर में 2017 से 2019 के बीच 1550 आतंकी घटनाएं  सामने आईं और इस अवधि में 251 सुरक्षाकर्मी तथा 118 आम नागरिक मारे गये एवं 627 आतंकियों को भी ढेर कर दिया गया.

उन्होंने अपने उत्तर में बताया कि अमृतसर के अदलीवाल गांव में एक प्रार्थना कक्ष में 18 नवंबर, 2018 को ग्रेनेड हमला हुआ था जिसमें तीन लोग मारे गये. गौर हो कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में प्रतिबंधित जैश-ए- मोहम्मद से कथित रूप से जुड़े एक व्यक्ति को रविवार को गिरफ्तार किया गया . एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राशिक मकबूल शेख नामक यह व्यक्ति पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में जैश आतंकवादियों को जरूरी साजो-सामान से मदद पहुंचाने में कथित रूप से शामिल था. राशिक के पास से दोषारोपित करने योग्य सामग्री मिली है. जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिली कामयाबी, गांदरबल और बडगाम से आतंकियों के 5 साथी गिरफ्तार

अधिकारी ने कहा, ‘‘ उसके पास से बरामद सारी दोषारोपण योग्य सामग्री को जांच तथा अन्य आतंकवादी अपराधों में उसकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए रिकार्ड में ले लिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि त्राल थाने में उसके विरूद्ध कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसकी जांच की जा रही है. इस बीच, अधिकारी ने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों ने रविवार को ही उत्तरी कश्मीर में बारामूला-उरी मार्ग पर एक संदिग्ध देसी बम को नष्ट कर दिया.

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