मानसून सत्र: लोकसभा अध्यक्ष ने शनिवार, राज्यसभा सभापति ने रविवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बिरला ने इस बैठक के लिए लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेता को आमंत्रित किया है.

अध्यक्ष ओम बिरला (Photo Credits: twitter )

नई दिल्ली, 16 जुलाई : सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बिरला ने इस बैठक के लिए लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेता को आमंत्रित किया है. शनिवार शाम को बुलाई गई इस बैठक में बिरला, संसद के मानसून सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगेंगे. लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के दौरान संसद के मानसून सत्र के एजेंडे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. सरकार और विपक्षी दल सत्र के एजेंडे को लेकर बैठक में अपनी-अपनी राय रख सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में असंसदीय शब्दों और संसद भवन परिसर में धरना-प्रदर्शन पर रोक के लिए जारी सर्कुलर जैसे नियमित संसदीय प्रक्रियाओं को भी राजनीतिक विवाद का विषय बनाने का मुद्दा भी उठ सकता है.

राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने भी रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. नायडू ने रविवार की बैठक के लिए राज्यसभा में सभी राजनीतिक दलों के सदन नेताओं को आमंत्रित किया है. रविवार को ही, सरकार की तरफ से भी संसद के मानसून सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को सभी दलों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक के लिए संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. यह भी पढ़ें :

इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ ही सरकार के कई अन्य मंत्री भी सरकार द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 12 अगस्त तक चलेगा. सरकार की तरफ से 24 विधेयकों को सत्र के लिए सूचीबद्ध किया गया है. संसद का यह सत्र कई मायनों में काफी अहम होने जा रहा है, क्योंकि इसी सत्र के दौरान 18 जुलाई को राष्ट्रपति और 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी होना है.

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