Nawab Malik Gives Shock To Sharad Pawar: अजीत पवार के एनसीपी गुट में शामिल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक
कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 18 महीने तक जेल में रहे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट में गुरुवार को शामिल हो गए. पार्टी सूत्रों के अनुसार, 64 वर्षीय मलिक ने फरवरी 2022 से अगस्त 2023 तक जेल में समय बिताया और वर्तमान में मेडिकल जमानत पर बाहर हैं.
नागपुर, 7 दिसंबर : कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में 18 महीने तक जेल में रहे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट में गुरुवार को शामिल हो गए. पार्टी सूत्रों के अनुसार, 64 वर्षीय मलिक ने फरवरी 2022 से अगस्त 2023 तक जेल में समय बिताया और वर्तमान में मेडिकल जमानत पर बाहर हैं. इससे पहले, अजीत पवार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने मलिक को फोन किया था और कहा था कि "नागपुर में आपका स्वागत है". उन्होंने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता हैं जो ऐसे मामलों पर अपने फैसले लेने में सक्षम हैं.
गुरुवार सुबह, वह महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के लिए नागपुर गए और विधान भवन परिसर में अजीत पवार समूह के एक नेता के दफ्तर का दौरा किया. मुस्कुराते हुए, उन्होंने वहां कई विधायकों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की, एक-दूसरे का अभिवादन किया, हाथ मिलाया और कुछ को हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. लगभग दो वर्षों में अपने पहले विधायी सत्र में उपस्थित होने के लिए वो यहां पहुंचे. विधानसभा सत्र शुरू होने के तुरंत बाद मलिक को विधानसभा में सत्ता पक्ष की पिछली पंक्ति में बैठे देखा गया, जिससे पुष्टि हुई कि उन्होंने अजित पवार के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया है. यह भी पढ़ें : Revanth Reddy Oath Ceremony: रेवंत रेड्डी के साथ 11 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना
उधर मुंबई और नागपुर में एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेताओं ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि “वह (मलिक) एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही अपना फैसला लिया होगा.” अगस्त में जमानत पर रिहा होने के बाद से, मलिक को शरद पवार और अजीत पवार दोनों गुटों द्वारा लुभाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले थे, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया था, जो अब समाप्त हो गया है.