मोदी सरकार ट्रिपल तलाक कानून की पहली वर्षगांठ पर मनाएगी 'मुस्लिम महिला अधिकार दिवस'
तीन तलाक कानून की विदाई के एक साल पूरे होने पर मोदी सरकार शुक्रवार को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाएगी. इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद देश भर की मुस्लिम महिलाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम सुबह दस बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा. मोदी सरकार ने पिछले साल तीन तलाक से जुड़े बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था. जिसके बाद एक अगस्त को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद तीन तलाक कानून बन गया था. पहले एक अगस्त को ही मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाने की तैयारी थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बकरीद को देखते हुए इसे एक दिन पहले 31 जुलाई को ही मनाने की तैयारी है.
तीन तलाक कानून की विदाई के एक साल पूरे होने पर मोदी सरकार शुक्रवार को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाएगी. इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद देश भर की मुस्लिम महिलाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम सुबह दस बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा. मोदी सरकार ने पिछले साल तीन तलाक से जुड़े बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था. जिसके बाद एक अगस्त को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद तीन तलाक कानून बन गया था. पहले एक अगस्त को ही मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाने की तैयारी थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बकरीद को देखते हुए इसे एक दिन पहले 31 जुलाई को ही मनाने की तैयारी है.
इस दौरान मोदी सरकार के दोनों कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी तीन तलाक कानून खत्म होने पर मुस्लिम महिलाओं को मिले सम्मान पर चर्चा करेंगे. तीन तलाक कानून खत्म होने के एक साल पूरे होने पर गुरुवार को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि तीन तलाक बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक-मौलिक-लोकतान्त्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है.
वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक साल पहले 30 जुलाई 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक कानून को खत्म कर दिया था. तीन तलाक कानून ने महिला सशक्तीकरण में योगदान दिया है और महिलाओं को वह सम्मान दिया है जिसकी वे समाज में हकदार थीं. कानून लागू होने के बाद तीन तलाक के मामले 82 प्रतिशत तक गिर गए.