धारा-370 खत्म: मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद 8,000 और जवान कश्मीर के लिए रवाना

मोदी सरकार ने सोमवार सुबह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा यानि धारा-370 को खत्म कर दिया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. माना जा रहा है कि यह फैसला नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में ही लिया गया था.

सेना के जवान (Photo Credits: IANS)

श्रीनगर: मोदी सरकार ने सोमवार सुबह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) का विशेष राज्य का दर्जा यानि धारा-370 को खत्म कर दिया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख (Ladakh) को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) का दर्जा दिया गया. माना जा रहा है कि यह फैसला नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में ही लिया गया था. जिसकी जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संसद में दी. इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. साथ ही घाटी में किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए और अधिक जवान भेजे है.

सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू और कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन- जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी.

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केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए सभी राज्यों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. इसी कड़ी में सरकार ने कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में 8,000 सीआरपीएफ (केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल) जवानों को एयरलिफ्ट किया है. वायुसेना के सी-17 विमान को इस काम में लगाया गया है. सोमवार को घोषणा से पहले ही केंद्र ने 38,000 अतिरिक्त सैनिकों को जम्मू और कश्मीर में भेज दिया था.

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हाल ही में 100 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को राज्य में भेजा गया था. इसके बाद 80 और कंपनियों को घाटी में भेजा गया. हर कंपनी में 100 जवान होते हैं. इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात 320 अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को भी घाटी की सुरक्षा में लगाया गया. रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य में करीब 450 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां नियमित तौर पर तैनात  रहती है. अर्धसैनिक बलों की ये तैनाती सेना और प्रदेश पुलिस की तैनाती से अलग है. यानी घाटी में अर्धसैनिक बलों की करीब एक हजार कंपनियां तैनात है.

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