Monkeypox पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस, बताया बचाव के लिए क्या है जरूरी
मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विदेश से आए लोगों को बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए. इसके अलावा मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए.
नई दिल्ली: देश में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स रोग के मैनेजमेंट के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विदेश से आए लोगों को बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए. इसके अलावा मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए.
बता दें कि बीते गुरुवार को केरल में एक मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति मिला था. संक्रमित विदेश से लौटा था. इससे पहले केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मंकीपॉक्स के किसी भी संदिग्ध या पुष्ट मामले के प्रबंधन के लिए पर्याप्त मानव संसाधन सुनिश्चित करने, साजो-सामान संबंधी समर्थन के साथ अस्पतालों को चिह्नित करने को कहा था.
केंद्र सरकार हुई अलर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है, क्योंकि इंसानों में इसका पहला केस साल 1970 में सामने आया था और अब एक बार फिर से इस वायरस से संक्रमित मरीज दुनिया के कई देशों से मिलने लगे हैं.
मंकीपॉक्स के लक्षण
इस संक्रमण की चपेट में आने के एक या दो हफ्ते बाद बुखार, सिर में दर्द, कोशिकाओं के छोटे या गोलाकार समूह में सूजन और हड्डियों में दर्द के लक्षणों के साथ संक्रमण फैलता है. इसमें आम तौर पर बुखार आने के एक से तीन दिनों में त्वचा पर दाने निकल आते हैं, खासतौर से चेहरे, हाथों और पैर पर.