नई दिल्ली, 24 जुलाई: शिक्षा मंत्रालय का भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) विभाग जुलाई से अक्टूबर 2023 के दौरान तीन महीनों में 1,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा यूजीसी के 6 मानव संसाधन विकास केंद्रों (एचआरडीसी) में इन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा इन शिक्षकों को नागपुर, नई दिल्ली, गुवाहाटी, वाराणसी, चेन्नई, श्रीनगर में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि एचआरडीसी में कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए शिक्षकों की सुविधा के लिए हमारे देश के सभी भागों से 6 एचआरडीसी स्थानों को चुना गया है.
आईकेएस विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक प्रोफेसर गंटी मूर्ति ने 6 अलग-अलग एचआरडीसी में आयोजित किए जाने वाले एफटीपी का विवरण दिया। प्रत्येक एचआरडीसी चार समानांतर बैचों में 180 शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा और पूरे देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ आईकेएस विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों से प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने संस्थान से दो नियमित संकाय सदस्यों को नामित करने का अनुरोध किया गया है. यह भी पढ़े: सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए नेट / सेट/ एसएलईटी न्यूनतम मानदंड होगा: UGC
प्राथमिकता उन शिक्षकवृंद (सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और पूर्ण प्रोफेसर इस क्रम में) को दी जाएगी जो वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में आईकेएस में एक परिचयात्मक पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं या पढ़ाने की योजना बना रहे हैं चूंकि, यूजीसी ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर आईकेएस को समाविष्ट किया है, इसलिए आईकेएस में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं क्योंकि यह एनईपी-2020 के कार्यान्वयन के लिए नए अवसर और अंतर्दृष्टि पैदा करता है.
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग से अनुराग देशपांडे और श्रीराम विभिन्न एचआरडीसी के सहयोग से इस पहल का नेतृत्व करेंगे शिक्षा मंत्रालय के आईकेएस विभाग की स्थापना समकालीन दुनिया के लिए भारतीय ज्ञान प्रणालियों को पुनर्जीवित करने और मुख्यधारा में लाने की दृष्टि से की गई है.