नई दिल्ली: मीटू अभियान के तहत एक के बाद एक नए मामले आने से अब मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए मोदी सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) का गठन किया है. इस समिति का जिम्मा गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा गया है. साथ ही राजनाथ सिंह के अलावा मेनाका गांधी, निर्मला सीतारमण और नितिन गडकरी भी समिति की अगुवाई करेंगे. यह मंत्री समूह कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बने कानून की समीक्षा यौन उत्पीड़न के मामलों की समीक्षा कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा
यह मंत्री समूह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी और संस्थागत ढांचों का परीक्षण करेगा. अधिकारी ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए मंत्री समूह मौजूदा प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन और मौजूदा कानूनी तथा संस्थागत ढांचों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई की सिफारिश करेगा. रूस के बाद अब इजरायल से मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदेगा भारत, 5,689 करोड़ में हुआ रक्षा सौदा
बता दें कि इस मंत्री समूह का गठन मी टू आंदोलन के तहत किया गया है जिसके तहत कई महिलाओं ने कार्यस्थल पर अपना यौन उत्पीड़न करने वालों का सार्वजनिक रूप से नाम लिया है. MP में घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए एसडीएम, पुलिस ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि मी टू अभियान के तहत विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्तपीड़न के आरोप लगने के बाद से सरकार ने मामले में गंभीरता दिखाई है. वहीं यौन उत्पीड़न के कई आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने बीते बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. एमजे अकबर पर 10 से अधिक महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.