कानपुर में 5850 करोड़ की लागत से बनेगा मेगा लेदर पार्क

मैनचेस्टर (Manchester) कहा जाने वाला कानपुर शहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के प्रयास से एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर एक औद्योगिक शहर के रूप में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा.

योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ, 16 दिसम्बर : कभी पूरब का मैनचेस्टर (Manchester) कहा जाने वाला कानपुर शहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के प्रयास से एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर एक औद्योगिक शहर के रूप में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा. वहां के रमईपुर (Ramaipur) गांव में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से यह संभव होगा. 235 एकड़ में बनने वाले मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट (Leather Cluster Project) के तहत बनने वाले मेगा लेदर पार्क में पचास हजार लोगों को नौकरी मिलेगी और 5850 करोड़ रुपये का निवेश होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम पोजेक्ट को केंद्र के वाणिज्य मंत्रालय की सहमति गत दिनों मिल गई है. अब जल्दी ही मुख्यमंत्री मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड कंपनी वहां विकास का कार्य शुरू करेगी. ऐसे में यहां विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. चमड़े संबंधी सारी इकाइयों के एक जगह होने से गंगा में होने वाले प्रदूषण का मुद्दा भी नहीं रहेगा. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | सम्भल में रोडवेज बस और टैंकर के बीच भिडंत, आठ लोगों की मौत, 21 घायल

मालूम हो कि प्रदेश में गंगा के किनारे बसा औद्योगिक शहर कानपुर देश के प्रमुख शहरों में शामिल है. इसे 'लेदर सिटी'(Leather city) के नाम से भी जाना जाता है. एक दौर में कपड़ा उद्योग के चलते कानपुर को 'पूरब का मैनचेस्टर' भी कहा जाता था, हालांकि वक्त और पूर्व सरकारों की उपेक्षा के चलते यह शहर अपनी पहचान खोता चला गया और कानपुर का जिक्र देश के सबसे प्रदूषित शहरों में किया जाने लगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक शहर को फिर विश्व व्यापी पहचान देनी की ठानी और उनके दिशा निर्देशन में मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट तैयार हुआ. इसके क्रम में कानपुर के रमईपुर गांव में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए 235 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई. फिर एमएसएमई विभाग के जरिये केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय को मंजूरी के लिए मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट को भेजा गया. जिसे मंत्रालय की मंजूरी गत दिनों मिल गई. यह देश का पहका लेदर पार्क होगा.

इसकी स्थापना होने से कानपुर देश के दस बड़े लेदर निर्माता राज्यों में अपने स्थान को और बेहतर करने में सफल होगा. कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले लेदर पार्क में 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. जबकि डेढ़ लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार पाएंगे. डेढ़ सौ से अधिक इकाईयां इस पार्क में कार्य करेंगी. चमड़े से बने जूते, पर्स, जैकेट से लेकर अन्य विश्वस्तरीय उत्पाद इस पार्क में बनाकर उनका निर्यात किया जा सकेगा.

लेदर पार्क प्रोजेक्ट से 5850 करोड़ रुपए का का निवेश होगा. वहीं पूरे मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट में करीब 13,000 करोड़ रुपए का निवेश आएगा. मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के लिए करीब 36 करोड़ रुपए से 235 एकड़ भूमि कानपुर के रमईनगर गांव में अधिग्रहित की गई है. लेदर पार्क सभी तरह की सुविधाओं से लैस होगा. इसमें लेदर प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पादों के प्रदर्शन की व्यवस्था होगी. यही नहीं लेदर पार्क में उत्पादों को खरीदने के लिए आने वाले दुनियाभर के निवेशकों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी. पार्क में कैंटीन से लेकर रेस्टहाउस तक बनेंगे. चमड़े के उत्पाद बनाने के चलते गंगा नदी में प्रदूषण ना हो, इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा. पार्क में साफ सफाई का विशेष प्रबंध भी रहेगा. 4000 स्क्वायर मीटर से लेकर 1000 स्क्वायर मीटर के प्लॉट पार्क में कारोबार करने वालों को मिल सकेंगे. यह भी पढ़ें : CM Yogi Adityanath के फिल्म सिटी प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री Anil Deshmukh ने कसा तंज, कहा- फिल्म इंडस्ट्री मुंबई से कहीं नहीं जाएगी

मेगा लेदर पार्क और मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से कानपुर शहर को देश में एक नई पहचान मिलेगी. यह शहर लंबे समय से प्रदेश में लेदर इंडस्ट्री का बड़ा गढ़ रहा है. आगरा और उन्नाव के साथ कानपुर में लेदर के विश्वस्तरीय उत्पाद बनते हैं. कई बड़ी विख्यात कंपनियां इस शहर में अपना कारोबार करती हैं, इनके उत्पाद देश और दुनियां में निर्यात किये जाते हैं. कुछ समय से कानपुर का लेदर कारोबार संकट में था, जिसके चलते ही सरकार ने कानपुर की लेदर इंडस्ट्री को नई पहचान देने ले लिए लेदर पार्क और मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट स्थापित करने की सोचा. अब केंद्र सरकार ने प्रदेश के इस प्रोजेक्ट को अपनी सहमति दे दी है. जिसका लाभ अब कानपुर के लोगों को मिलेगा.

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