Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के आसपास मीडिया कवरेज पर लगी रोक, ASI सर्वे को लेकर कोर्ट ने दिया आदेश

वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को मीडिया को ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वेक्षण और उसके आसपास के क्षेत्र में कवरेज नहीं करने को कहा और सर्वेक्षण कर रही एएसआई की टीम के सदस्यों को इस संबंध में मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है.

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वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 9 अगस्त: वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को मीडिया को ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वेक्षण और उसके आसपास के क्षेत्र में कवरेज नहीं करने को कहा और सर्वेक्षण कर रही एएसआई की टीम के सदस्यों को इस संबंध में मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है.

ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर में जारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे को लेकर भ्रामक खबरें फैलाए जाने का आरोप लगाते हुए जिला अदालत से सर्वेक्षण के मीडिया कवरेज पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. संस्था की इस अर्जी पर आज दोपहर बाद सुनवाई हुई. Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी परिसर को सील करने की मांग करने वाली याचिका खारिज

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला अदालत के न्यायाधीश एके विश्वेश ने ज्ञानवापी प्रकरण में सुनवाई करते हुए आज मीडिया को निर्देश दिया कि वह इस (ज्ञानवापी) प्रकरण में मौके पर जाकर किसी प्रकार की कवरेज नहीं करेगा.

अदालत ने सर्वेक्षण में शामिल एएसआई की टीम के सदस्यों को भी इस संबंध में मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने कहा कि इस संबंध में सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियां नहीं जाएं जिससे शांति भंग होने की आशंका हो.

हिन्दू पक्ष के दूसरे अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘अदालत ने निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण सुचारू ढंग से चलने दें. मीडिया अपना कवरेज करे लेकिन प्राप्त साक्ष्यों की जानकारी जनता के बीच ना पहुंचाए.’’ उन्होंने बताया, ‘‘न्यायाधीश ने कहा कि सभी तथ्य और सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय रूप से अदालत में जमा होगी और अगर अदालत आदेश देगी तो इसे सार्वजनिक किया जाएगा.’’

इससे पहले दिन में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा था कि अदालत के निर्देश पर ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण चल रहा है, सर्वे करने वाली टीम या एएसआई के किसी अधिकारी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन इस संबंध में सोशल मीडिया, अखबार और समाचार चैनलों पर लगातार भ्रामक ख़बरें आ रही हैं.

यासीन ने ऐसी खबरों का प्रसारण/प्रकाशन रोकने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए जिला अदालत में मंगलवार को अर्जी दी थी. मुस्लिम पक्ष इससे पहले भी सर्वेक्षण को लेकर झूठी खबरें प्रसारित किए जाने का आरोप लगाते हुए सर्वे प्रक्रिया से अलग होने की चेतावनी दे चुका है.

जिला अदालत ने पिछले महीने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा सर्वे कराने की अनुमति दी थी. उच्चतम न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के निर्णय को बहाल रखा. सर्वेक्षण का लक्ष्य यह पता लगाना है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को ढहाकर तो नहीं किया गया है.

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