ठाणे जिले में हुआ सबसे ज्यादा 1 हजार 279 तृतीयपंथी वोटर्स का रजिस्ट्रेशन, पिछली बार की तुलना में हुई दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी
लोकसभा चुनाव साल 2004 और 2009 में तृतीयपंथी के लिए अलग रजिस्ट्रेशन नहीं था. साल 2014 में पहली बार चुनाव के समय पुरुष मतदाता और महिला मतदाताओं के साथ तृतीयपंथी के लिए एक तीसरी श्रेणी बनाई गई थी. इस साल 2024 में ठाणे जिले में तृतीयपंथी मतदाताओं की संख्या में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. ठाणे जिले में सबसे ज्यादा तृतीयपंथी मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
लोकसभा चुनाव साल 2004 और 2009 में तृतीयपंथी के लिए अलग रजिस्ट्रेशन नहीं था. साल 2014 में पहली बार चुनाव के समय पुरुष मतदाता और महिला मतदाताओं के साथ तृतीयपंथी के लिए एक तीसरी श्रेणी बनाई गई थी. इस साल 2024 में ठाणे जिले में तृतीयपंथी मतदाताओं की संख्या में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. ठाणे जिले में सबसे ज्यादा तृतीयपंथी मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
साल 2014 में इस तीसरे श्रेणी में 918 मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन किया गया था. इसके बाद के 5 साल बाद यानी साल 2019 में में रजिस्ट्रेशन का आकड़ा दुगुना हुआ था और इसकी संख्या राज्य में 2086 हुई थी, अब इस साल 4 अप्रैल 2023 तक राज्य के कुल मतदाताओं की संख्या में 5 हजार 617 तृतीयपंथी मतदाता है. इस दौरान सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन ठाणे जिले में हुआ है. 1 हजार 279 तृतीयपंथी वोटर्स का रजिस्ट्रेशन ठाणे जिले में हुआ है. तो वही मुंबई उपनगर में 812 और पुणे जिले में 726 तृतीयपंथी वोटर्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
इस बार गोंदिया में 10, गडचिरोली में 9, हिंगोली में 7, भंडारा में 5 और सिंधुदुर्ग में 1 ऐसा तृतीयपंथी का रजिस्ट्रेशन हुआ है. तृतीयपंथी कार्यकर्त्ता गौरी सावंत, प्रणीत हाटे आणि झैनाब पटेल ये लोग चुनाव वालंटियर्स के रूप में काम करनेवाले है.
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तृतीयपंथी वोटर्स को मतदान का अधिकार मिला था और तभी से तृतीयपंथी ऐसे इंडिपेंडेंट श्रेणी में इस ग्रुप का रजिस्ट्रेशन होने लगा. 2019 में किए गए रजिस्ट्रेशन में इस जेंडर के वोटर्स में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई थी, तो वही इस बार इस जेंडर के रजिस्ट्रेशन में दोगुनी से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुआ है. इससे यह पता चलता है कि तृतीयपंथी वर्ग के लोग भी अपने वोटर्स रजिस्ट्रेशन के लिए सजग है.