नई दिल्ली, 27 सितंबर : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य के लिए होने वाले चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी को भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी बताया है. उन्होंने चुनाव से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं.
सिसोदिया ने अधिकारों की बात कही. बोले, “भाजपा पूरी तरह से लोकतंत्र को तार-तार कर रही है. भाजपा लोकतंत्र, संविधान और भारत की आत्मा की हत्या के रोज नए-नए कारनामे कर रही है. गुरुवार को दिल्ली की मेयर ने चुनाव कराने की कोशिश की लेकिन भाजपा के लोगों ने इसे होने नहीं दिया. इस पर हमारी मेयर ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव की अगली तारीख तय कर दी. यह मेयर के संवैधानिक अधिकारों के अंतर्गत आता है." यह भी पढ़ें : Odisha Surrogacy Maternity Leave: सरोगेसी से मां बनाने वाली महिलाओं कर्मचारियों को मिलेगा 180 दिनों का मैटरनिटी लीव, ओडिशा सरकार का बड़ा फैसला
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा, उपराज्यपाल ने कमिश्नर को आदेश दिया कि यह चुनाव रात 10 बजे तक पूर्ण कर लिए जाएं. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में चुनाव होना चाहिए. मेयर अनुपस्थित हों तो डिप्टी मेयर से चुनाव करवा लिए जाएं. डिप्टी मेयर न मिले तो किसी भी काउंसलर को पकड़ कर चुनाव करवा लिए जाएं. वहां पर बीजेपी के लोग रात भर बैठे रहे. बाकी सारे आप और कांग्रेस के काउंसलर अपने-अपने घर चले गए, लेकिन भाजपा के काउंसलर रात भर वहां बैठे रहे.
सिसोदिया ने इस प्रक्रिया को देश के लिए खतरनाक बताया. कहा, इसके बाद भगवान ने उन्हें बुद्धि दी. उन्होंने चुनाव टाल दिया. रात में 10 बजे चुनाव नहीं कराया. वह अब दोपहर 1 बजे तक चुनाव करवा रहे हैं. यह भाजपा का कोई षड़यंत्र है. इतने समय में क्या लुटा जा रहा है. कुछ तो है, जिसकी वजह से इन लोगों में इतनी बौखलाहट है कि रात में 10 बजे चुनाव कराने की जल्दी थी. अब इससे बड़ी लोकतंत्र हत्या क्या होगी, वह कह रहे हैं कि मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर काउंसलर को ही छोड़ कर एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर से चुनाव करवा लो. यह देश के लिए बहुत खतरनाक है. यह सब कैसे हो सकता है? दिल्ली नगर निगम चुने हुए लोगों की इकाई है.
ज्ञात हो कि नगर निगम एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव पिछले डेढ़ साल से किसी न किसी कारण से टलता रहा है. 26 सितंबर को ही चुनाव कराया जाना था, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने इसे पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था. हालांकि, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश देकर बीती रात (गुरुवार) 10 बजे से पहले चुनाव हर हाल में कराने का आदेश दिया था.
बता दें कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे पावरफुल बॉडी है. एमसीडी की सभी अहम परियोजनाओं का प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी ही करती है. इसलिए, सभी दल चाहते हैं कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उसके पक्ष में हो. एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिसमें से 17 सदस्य चुन लिए गए हैं. इनमें से भाजपा के 9 और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य हैं.
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव 26 सितंबर को होना था. लेकिन, चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को अपने पाले में कर लिया और कांग्रेस के नौ एमसीडी पार्षदों ने चुनाव में भाग न लेने का फैसला लिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी संख्या बल के लिहाज से कमजोर दिखाई दे रही थी. इसके बाद मेयर ने चुनाव को पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था. इस बीच उपराज्यपाल के आदेश के बाद शुक्रवार (27 सितंबर ) को चुनाव कराने का फैसला लिया गया.
बता दें कि एमसीडी पार्षद हैं स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव करेंगे. 250 में से एक पार्षद इस्तीफा दे चुका है, जिसके चलते एमसीडी सदस्यों की संख्या 249 है. कांग्रेस पार्षदों ने इस चुनाव से दूरी बना दी है. इसलिए, अब 240 पार्षद ही वोट डालेंगे. यानि की 18वें सदस्य का चुनाव जीतने के लिए 121 वोट निर्णायक होंगे