Congress President Kharge On Manipur Violence: मणिपुर जल रहा है, बलात्कार हो रहे हैं, मकान जलाए जा रहे हैं, चर्चा जरूरी- खरगे
Mallikarjun Kharge | Photo: ANI

नई दिल्ली, 25 जुलाई: कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की है खरगे ने मंगलवार को संसद में कहा कि मणिपुर जल रहा है, वहां बलात्कार हो रहे हैं, मकान जलाए जा रहे हैं खरगे का कहना है कि हम मणिपुर की बात कर रहे हैं और प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं. यह भी पढ़े: Manipur Violence: मणिपुर सरकार का फैसला, हिंसा के चलते प्रदेश में 30 जून तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

वह इंडिया मतलब ईस्ट इंडिया बोल रहे हैं इस बीच राज्यसभा में जबरदस्त हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई खरगे ने सभापति से कहा कि इतने सांसद नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं 4 दिन से नोटिस दे रहे हैं.

दरअसल कांग्रेस समेत विपक्ष के अधिकांश दलों का कहना है कि नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा कराई जाए। इसमें प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर पर बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा हो जिसके बाद वोटिंग भी करवाई जा सकती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने सभापति से कहा कि मंगलवार को राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 51 नोटिस दिए गए इन नोटिस का संज्ञान लेते हुए नियम 267 के अंतर्गत मणिपुर हिंसा पर चर्चा करवाई जाए हालांकि सभापति का कहना है कि वह पहले दिन ही नियम 176 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा को मंजूरी दे चुके हैं.

विपक्ष का कहना है कि नियम 176 के तहत यह केवल एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन है विपक्ष की मांग है कि राज्यसभा में विस्तार से मणिपुर पर चर्चा की जाए इस बीच सरकार की ओर से मंगलवार को बताया गया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर मुद्दे पर बोलेंगे राज्यसभा में सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर भी चर्चा चाहते हैं.

वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस प्रस्ताव को रखा कि मणिपुर संबंधित घटनाओं पर वे चर्चा चाहते हैं और जवाब देना चाहते हैं आंतरिक सुरक्षा का दायित्व केंद्रीय गृह मंत्री के अंतर्गत ही आता है सरकार का कहना है कि गृह मंत्री स्वंय बार-बार विपक्ष से आग्रह कर रहे हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करें.