नई दिल्ली: भारतीय नौसेना 11 अगस्त से एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास 'मालाबार 2023 अभ्यास' का हिस्सा बनने जा रही है. सिडनी में निर्धारित इस युद्धाभ्यास में भारत के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलियाई भाग लेंगे.
चारों देशों के संयुक्त अभ्यास में नौसैनिक युद्धपोतों और विमानों को शामिल किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 'मालाबार 2023' दो चरणों में किया जाएगा. समुद्र तट चरण में एक-दूसरे के जहाजों में दौरे, पेशेवर आदान-प्रदान, खेल और समुद्री चरण की योजना तथा संचालन के लिए बातचीत जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं. HC on Abortion: गर्भपात के आदेश के बाद पीड़िता को 24 घंटे के भीतर अस्पताल ले जाया जाना चाहिए
समुद्री चरण में युद्ध के सभी तीन क्षेत्रों में विभिन्न जटिल और उच्च तीव्रता वाले अभ्यास शामिल होंगे, जिनमें हथियार चलाने के लाइव अभ्यास समेत सतह-रोधी, वायु-रोधी तथा पनडुब्बी रोधी अभ्यास किये जाएंगे.
यह अभ्यास भारतीय नौसेना को अंतर-परिचालन को बढ़ाने और प्रदर्शित करने तथा अपने साथी देशों से समुद्री सुरक्षा संचालन में सर्वोत्तम तौर-तरीकों से लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस कोलकाता शामिल हैं.
अमेरिकी नौसेना (यूएसएन), जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) के जहाजों और विमानों के भारतीय नौसैनिक के साथ 11 अगस्त से सिडनी में यह युद्ध अभ्यास करेंगे.
यह अभ्यास 21 अगस्त तक चलेगा. मालाबार समुद्री अभ्यास की श्रृंखला 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी. भारत-प्रशांत क्षेत्र में चार प्रमुख नौसेनाओं को शामिल करने के साथ इस अभ्यास का विस्तार हुआ. 2020 में केवल रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) की भागीदारी हुई थी.
इस वर्ष मालाबार का 27वां अभ्यास है, जिसकी मेजबानी रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) द्वारा की जा रही है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस सह्याद्री स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट-17 श्रेणी के बहु-भूमिका वाले स्टील्थ फ्रिगेट का तीसरा जहाज है.
वर्तमान में इसकी कमान कैप्टन राजन कपूर के पास है. आईएनएस कोलकाता स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट -15 ए श्रेणी के विध्वंसक का पहला जहाज है. इसकी कमान कैप्टन शरद सिनसुनवाल के पास है.
दोनों जहाजों को मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई में निर्मित किया गया है और ये जहाज सतह, हवा और पानी के नीचे के क्षेत्रों में खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस हैं.