Maharashtra Shocker: 2 हजार रुपये वापस मांगने पर 4 लोगों ने दलित विधवा काे सड़क पर पीटा, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

यहां पर चार लोगों ने एक विधवा महिला की कथित तौर पर पिटाई कर दी. महिला ने चार में एस एक व्यक्ति को खाने के सामान के लिए 2,000 रुपये एडवांस दिए थे, जब उसे खाना नहीं मिला तो उसने रुपये वापस मांगे. बदले में उन्होंने महिला की पिटाई कर दी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

महाराष्ट्र (Photo Credits: IANS)

सतारा (महाराष्ट्र): यहां पर चार लोगों ने एक विधवा महिला की कथित तौर पर पिटाई कर दी. महिला ने चार में एस एक व्यक्ति को खाने के सामान के लिए 2,000 रुपये एडवांस दिए थे, जब उसे खाना नहीं मिला तो उसने रुपये वापस मांगे. बदले में उन्होंने महिला की पिटाई कर दी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

यह चौंकाने वाली घटना 26 अगस्त को पनवेन गांव में हुई थी. यहां पर पीड़िता शाहिदा महादेव तुपे को सार्वजनिक रूप से पीटा गया था. इस घटना पर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. Mumbai Bomb Threat: 'सीएम एकनाथ शिंदे से बात नहीं कराई तो मंत्रालय भवन को बम से उड़ा देंगे', अज्ञात कॉलर ने दी धमकी

स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुख्य आरोपी देवदास नाराले और उसके सहयोगियों ने कथित तौर महिला के साथ दुर्व्यवहार किया. महिला को लात-घूसों से पीटा और उसे तब तक धक्का दिया, जब तक वह सड़क पर नहीं गिर गई. इस दौरान महिला मदद के लिए चिल्लाती रही.

घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों ने महिला की मदद नहीं की और उनमें से कुछ लोग वीडियो बना रहे थे. इस बीच चारो हमलावर मौके से फरार हो गए.

बाद में विधवा महिला के बेटे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और घटना के दो दिन बाद सोमवार देर रात तक बाकी आरोपियों संतोष शिंदे, शांताराम नाराले और जनप्पा शिंदे को गिरफ्तार कर लिया.

अंबेडकर ने कहा, ''शारीरिक शोषण का वीडियो इतना परेशान करने वाला है कि मैं इस जातीय अत्याचार को शब्दों में दर्शाने के लिए शब्द नहीं ढूंढ पा रहा हूं. यह बिल्कुल क्रूर और अमानवीय है.''

अंबेडकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि क्या दलितों पर हत्याचार रुका, नहीं रुका? सतारा में एक असहाय दलित विधवा को पुरुषों के एक समूह ने बेरहमी से पीटा. उसका अपराध यह था कि उसने अपना पैसा वापस मांगा जो उसने डिलीवरी न किए गए सामान (खाने) के लिए चुकाया था.

इस अपमानजनक घटना की जांच कर रही म्हसवाद पुलिस ने सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

वीबीए कार्यकर्ताओं ने बुधवार को गांव में विरोध प्रदर्शन किया और बाद में जिला अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर तुपे परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा और न्याय की मांग की. हरेगांव अहमदनगर में 25 अगस्त की घटना के ठीक बाद दलितों पर यह दूसरा बड़ा हमला है. वीबीए प्रमुख अंबेडकर सामने आई ताजा घटना की निंदा करने के लिए अहमदनगर में एक विरोध रैली निकालेंगे.

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