Maharashtra Stamp Duty: राजस्व में वृद्धि के लिए महाराष्ट्र सरकार ने स्टाम्प शुल्क दरों में किया संशोधन, 100 रुपये वाला स्टाम्प पेपर बंद, अब 500 में मिलेगा
महाराष्ट्र सरकार ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए स्टाम्प शुल्क दरों में संशोधन किया है. जिस संशोधन के तहत 100से लेकर पांच सौ के नीचे के स्टाम्प पेपर को बंद कर दिया है. अब आपको किसी भी खरीदी या विक्री के लिए कमसे कम 500 का स्टाम्प पेपर लेना पड़ेगा.
Maharashtra Stamp Duty: महाराष्ट्र सरकार को लाडली बहन, और लाडला भाऊ जैसी लोकलुभावन अन्य योजनाओं को लेकर उसके ऊपर हर महीने कई सौ करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है. जिससे सरकार का कर्ज बढ़ते ही जा रहा है. जिस कर्ज से उबरने और सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए स्टांप शुल्क दरों में संशोधन करने का फैसला लिया है. जिस संशोधन के तहत 100से लेकर पांच सौ के नीचे के स्टाम्प पेपर को बंद कर दिया है. अब आपको किसी भी खरीदी या विक्री के लिए कम से कम 500 का स्टाम्प पेपर लेना पड़ेगा.
सोमवार को लिए गए राज्य मंत्रिमंडल के फैसले में कहा गया है कि अब से 100 रुपये में कोई भी दस्तावेज पंजीकरण नहीं होगा. उदाहरण के लिए- एसआरए (स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी) योजना के तहत निर्मित मकानों पर पहले 100 रुपये स्टांप ड्यूटी लगती थी, लेकिन अब यह 500 रुपये होगी. सरकार के इस फैसले से उकसे खजाने में करीब 2,000 करोड़ रुपये अधिक जमा होने की संभावना है. यह भी पढ़े: Maharashtra: सभी सरकारी दस्तावेजों पर मां का नाम अनिवार्य, शिंदे सरकार का बड़ा फैसला
कई दस्तावेज के लिए अब तक 100-200 की स्टांप ड्यूटी लगती थी:
सरकार के इस फैलसे अब तक 12 तरह के दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए 100 और 200 रुपये की स्टांप ड्यूटी लगती थी, जो अब 500 रुपये तक हो जाएगी. इसी तरह, किसी कंपनी के एसोसिएशन के लेखों के लिए लागू स्टांप ड्यूटी को संशोधित किया जाएगा और यह पहले के 0.2 प्रतिशत से बढ़कर 0.3 प्रतिशत होगी, जो अधिकतम 1 करोड़ रुपये (वर्तमान में 50 लाख रुपये के बजाय) के लिए होगी.
500 रुपये की दर पर कार्य अनुबंध अब नए नियमों के तहत:
सरकार के इस फैसले से 10 लाख रुपये तक के कार्य अनुबंधों के लिए 500 रुपये की दर से ली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी और उससे अधिक राशि के लिए 0.1 प्रतिशत की दर से ली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. अब 5 लाख रुपये तक की राशि के कार्य अनुबंधों के लिए स्टाम्प ड्यूटी की दर 500 रुपये होगी और उससे अधिक राशि के लिए यह 0.3 प्रतिशत होगी.
फैसले को लेकर जानें राजस्व विभाग ने कहा:
सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले के बाद राजस्व विभाग ने कहा है कि इस निर्णय से संशोधन से सादगी, एकरूपता और व्यापार करने में आसानी आएगी. सरकार के इस फैसले के बाद बदलावों को लागू करने के लिए राज्य को महाराष्ट्र स्टाम्प ड्यूटी अधिनियम, 1958 के प्रावधानों में संशोधन करना होगा.
चालू वर्ष में 60,000 करोड़ स्टाम्प ड्यूटी जमा करने का लक्ष्य
महाराष्ट्र सरकार के स्टाम्प ड्यूटी रजिस्ट्रेशन विंग को चालू वर्ष में लगभग 60,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है. पिछले साल, विभाग ने राज्य के खजाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे. जाहिर है, स्टाम्प ड्यूटी राज्य सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है. जिस राजस्व से सरकार के बड़े से बड़े कम होते हैं =.