समाजसेवी अन्ना हजारे (Anna Hazare) महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धी में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. आज उनके अनशन का पांचवा दिन है. अन्ना हजारे के बारे में ऐसी खबर है कि उनकी तबियत धीरे-धीरे खराब हो रही है. इस बीच अन्ना हजारे के तबियत को लेकर शिवसेना (Shivsena) की तरफ से एक बयान आया है. जिस बयान में अन्ना हजारे के भूख हड़ताल को लेकर महाराष्ट्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील करते ही कहा गया है कि सामाजिक कार्यकर्ता की जिंदगी से सरकार ना ‘‘खेले.’ शिवसेना का यह इशारा एक तरह से मोदी सरकार की तरफ था.
वहीं अन्ना हजारे अपने अनशन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा था. जिस पत्र का जवाब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त हुआ है. जिस पत्र में लिखा है कि आपका पत्र मिला धन्यवाद और शुभकामनाएं. यह भी पढ़े: अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का बढ़ा रक्तचाप, खून में शुगर की मात्रा बढ़ी
शिवसेना ने पत्र को बताया ‘‘निंदनीय’’ और ‘‘हास्यास्पद’’
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस तरह से अन्ना हजारे को जवाब दिए जाने को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जताई है. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के उस कथित पत्र को ‘‘निंदनीय’’ और ‘‘हास्यास्पद’’ बताया जिसमें हजारे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गई है. शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि हजारे की लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है. जिसका देश सामना कर रहा है. इसलिए उनकी पार्टी चाहेगी कि वे अपना अनशनअपनी जान दांव पर लगाने के बजाय लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी लड़ाई को सड़कों पर ले लेकर आए.
बता दें की अन्ना हजारे अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि अपने गांव में 30 जनवरी से लोकपाल और लोकायुक्त कानून को लागू करने और लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी के खिलाफ भूख हड़ताल पर हैं. उनके इस अनशन में उनके गांव के लोग भी धीरे- धीरे जुड़ना शुरू कर दिए. उनके इस हड़ताल को देखते हुए कह सकते है कि सरकार अन्ना हजारे के मांगों को लेकर कोई सही फैसला नहीं लिया तो आगामी लोकसभा चुनाव में उसके लिए मुसीबत का सामना करना पद सकता है.