Maharashtra: बेटी को मुंह में दबाकर भाग रहा था खूंखार तेंदुआ, पीछे से दौड़ी मां, ऐसे बचाई अपनी लाडली की जान

महाराष्ट्र (Maharashtra) के चंद्रपुर (Chandrapur) जिले में इंसानों और वन्यजीव के बीच संघर्ष के मामले बढ़ते जा रहे है. जंगली जानवरों का सबसे ज्यादा आतंक चंद्रपुर के ग्रामीण इलाकों में देखा जा रहा है. हाल ही में यहां एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना घटी. एक मासूम पर अचानक तेंदुए ने हमला किया और उसे अपने मुंह में दबाकर जंगल की ओर भागने लगा.

तेंदुए का हमला (Photo Credits: Wikimedia Commons)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के चंद्रपुर (Chandrapur) जिले में इंसानों और वन्यजीव के बीच संघर्ष के मामले बढ़ते जा रहे है. जंगली जानवरों का सबसे ज्यादा आतंक चंद्रपुर के ग्रामीण इलाकों में देखा जा रहा है. हाल ही में यहां एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना घटी. एक मासूम पर अचानक तेंदुए (Leopard) ने हमला किया और उसे अपने मुंह में दबाकर जंगल की ओर भागने लगा. गनीमत रही की बच्ची की मां ने तेंदुए को देख लिया और सब कुछ छोड़कर उसके पीछे दौड़ पड़ी. चंद्रपुर में बाघ के हमले में महिला की मौत, एक मामले में बाघ का शावक मृत मिला

चंद्रपुर की रहवासी ज्योति कोपलवार (Jyoti Kopalwar) ने बताया कि 10 मई को उनकी बेटी पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया था. उन्होंने कहा “तेंदुआ उसे अपने मुंह में लेकर भागने लगा. मैंने उसका पीछा किया और उसे डंडे से मारा. तब जाकर उसने बेटी को मुंह से गिरा दिया और भाग गया. मेरी बेटी की जान बच गई.” इस घटना में बच्ची को मामूली चोंटे आयीं थी.

चंद्रपुर वन प्रभाग (Chandrapur Forest Division) के डीएफओ प्रशांत खाड़े (Prashant Khade) ने बताया कि यहां 2019 के बाद से 14 मौतें, 2 घायल होने की सूचना है. जब भी हम पैरों के निशान का पता लगाते हैं तो हम ग्रामीणों को चेतावनी देते हैं कि वे तड़के और देर शाम को घरों से बाहर नहीं जाएं, क्योकि इन घंटों के दौरान तेंदुए और बाघ की उपस्थिति सबसे अधिक सक्रिय होती है.

उन्होंने कहा “हमारे क्षेत्रीय कर्मचारी लगातार गश्त कर रहे हैं और हमारे पास 24*7 ट्रैप कैमरा सर्विलांस है. संघर्ष गैर वन क्षेत्र में हाउ है जिससे हमारे क्षेत्रीय कर्मचारियों को परेशानी हो रही है, क्योंकि वें जंगलों में काम करने के लिए प्रशिक्षित है.”

महाराष्ट्र वन्यजीव सलाहकार बोर्ड (Maharashtra Wildlife Advisory Board) के सदस्य बंदू धोत्रे (Bandu Dhotre) ने इस घटना पर कहा “चंद्रपुर जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में (थर्मल पावर प्लांट सहित) मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है. जो बाघ और तेंदुओं का नया ठिकाना बन गया है. इन क्षेत्रों में रहना खतरनाक है.”

बाघ के हमले में महिला की मौत

बीते हफ्ते जिले में ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) क्षेत्र में बाघ ने हमला कर 65 वर्षीय महिला को मार डाला. टीएटीआर के मुख्य वन संरक्षक डॉ जितेंद्र रामगांवकर ने कहा कि घटना मोहारली सुरक्षित क्षेत्र के सीतारामपेठ गांव के पास हुई, जहां जयबाई महादेव गेंगथे सुबह तेंदूपत्ता लेने के लिए निकली थीं, जहां बाघ ने उन पर हमला कर उनकी हत्या कर दी.

बाघ ने ली किसान की जान

अप्रैल महीने में भी चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी वन प्रभाग में बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई थी. एक अधिकारी ने बताया कि आवलगांव निवासी तुलसीराम कांबली (67) शाम के वक्त अपनी फसल को पानी देने के लिए खेत में गये थे, तभी एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें 200 मीटर की दूरी तक घसीट कर ले गया, जिससे उनकी मौत हो गई.

चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन के कर्मचारी को बाघ ने मारा

वहीं, फरवरी महीन में चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के 59 वर्षीय एक संविदाकर्मी को बाघ ने मार डाला. तब थर्मल पावर स्टेशन के पास जंगल में तीन से चार बाघ, कुछ तेंदुए और भालू देखे गए थे. रेंज वन अधिकारी राहुल कारेकर के अनुसार, रात में मृतक भोजराज मेश्राम काम के बाद जंगल से वापस आ रहा था जब एक बाघ ने उस पर हमला किया और जंगल में ले गया. जानकारी मिलने पर वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तो भोजराज का शव मिला.

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