Maharashtra Govt: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, राज्य के बारिश प्रभावित हिस्सों के लिए दस हजार करोड़ देगी सरकार
सीएम उद्धव ठाकरे ( फोटो क्रेडिट- PTI)

महाराष्ट्र में तेज बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों के दर्द पर राज्य की उद्धव ठाकरे की सरकार ने मरहम लगाने की कोशिश की है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जानकारी देते हुए कहा गया है कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित हिस्सों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. किसानों को यह राशि दिवाली से पहले दे दी जाएगी. बाढ़ के बाद राज्य स्थति का जायजा लेने के लिए राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने दौरान भी किया था. अपने दौरे के बाद ही सीएम ने कहा था कि किसानों की मदद के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने जमीनी जायजा लिया था. उन्होंने माना था कि किसानों को बाढ़ के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों को मदद देना सरकार का कर्तव्य है. समीक्षा बैठक के बाद, मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिए किसानों और प्रभावित लोगों को 10000 करोड़ रुपये की मदद देने का फैसला किया है. हम दिवाली तक लोगों तक यह मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.किसानों को 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद के बजाय, हम इसे बढ़ाकर 10000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर रहे हैं. मैं केंद्र से भी ऐसा करने का आग्रह करूंगा. अब तक, हमने आपदा प्रभावितों को लगभग 3800 करोड़ रुपये की मदद दी है.

ANI का ट्वीट:- 

शरद पवार ने रविवार को कहा था कि हाल में आई बाढ़ के कारण पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कृषि को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचा है. साथ ही प्रभावित किसानों को जल्द ही आर्थिक मदद दिए जाने का आश्वासन भी दिया. मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले के तुल्जापुर-परांदा क्षेत्र के किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे आर्थिक सहायता के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा करेंगे और केंद्र से भी सहायता का आग्रह करेंगे. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र: बीड के खलवात-निमगांव गांव के पास नदी में पलटी नाव, एक महिला और लड़कियां डूबीं.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र के पुणे, कोंकण और औरंगाबाद संभाग में बारिश और बाढ़ की घटनाओं में 48 लोगों की मौत हो गई जबकि लाखों हेक्टेयर में फैली फसलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. पुणे, सोलापुर, सतारा और सांगली जिलों में 87,000 हेक्टेयर में फैले गन्ना, सोयाबीन, सब्जियों, चावल, अनार और कपास जैसी फसलों को नुकसान हुआ है. बाढ़ ने इस क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. सोलापुर, सांगली, सतारा और पुणे जिलों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से 1021 मवेशी मर गये, कुल 3156 मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 100 झुग्गियां नष्ट हा गई. (भाषा इनपुट)